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सोनम वांगचुक की 14 दिन की भूख हड़ताल: अब तक केंद्र सरकार से कोई ठोस जवाब नहीं”

लद्दाख में जलवायु कार्यकर्ता और शिक्षाविद सोनम वांगचुक 10 सितंबर से भूख हड़ताल पर बैठे हैं, लेकिन उन्हें केंद्र सरकार और स्थानीय प्रशासन के बीच हो रही वार्ता से बाहर रखा गया है। यह कदम उस समय उठाया गया जब लद्दाख प्रशासन ने उनके संस्थान हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख (HIAL) को आवंटित करीब 1,000 कनाल जमीन का लीज रद्द कर दिया।प्रशासन का कहना है कि यह लीज अधूरी शर्तों, बकाया भुगतान और मान्यता प्राप्त संस्थान की कमी के कारण रद्द की गई। वहीं, सोनम वांगचुक ने इसका कड़ा विरोध किया है और आरोप लगाया है कि उनके और संस्थान के खिलाफ CBI जांच जानबूझकर शुरू की गई है ताकि उनकी आवाज को दबाया जा सके।

उन्होंने कहा, “जब लद्दाख जम्मू-कश्मीर का हिस्सा था, तब भ्रष्टाचार के बारे में हमारी शिकायतें 2019 के बाद से कई गुना बढ़ गई हैं. फैसले उपराज्यपाल और नौकरशाहों के हाथों में केंद्रित हैं और आवाज उठाने वालों को निशाना बनाया जाता है.”

हालांकि, प्रशासन केंद्र शासित प्रदेश में प्रगति की एक विपरीत तस्वीर पेश करता है. लीड इम्पैक्ट कॉन्क्लेव में बोलते हुए उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने 2019 में केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा प्राप्त करने के बाद से लद्दाख की उपलब्धियों को रेखांकित किया. उन्होंने पर्यटन, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा में विकास पर प्रकाश डालते हुए स्थानीय उत्पादकों की सहायता और सहकारी उद्योगों को मजबूत करने की पहल का हवाला दिया.

उन्होंने स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान के तहत महिला स्वास्थ्य कार्यक्रमों और जियोग्राफिकल इंजिकेशन (GI) टैग मान्यता के बाद पश्मीना कारीगरों के आर्थिक सशक्तिकरण पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य लद्दाख को संतुलित विकास का एक मानदंड बनाना है, जहां आर्थिक विकास सांस्कृतिक विरासत और पर्यावरणीय संवेदनशीलता के साथ-साथ चलता हो.

गृह मंत्रालय ने अगले दौर की चर्चा के लिए लद्दाख प्रतिनिधिमंडल के साथ छह अक्टूबर को बातचीत की घोषणा की है. लेह एपेक्स बॉडी के सह-अध्यक्ष चेरिंग दोरजे ने ऑनलाइन माध्यम से संवादादाताओं से कहा कि उन्होंने सरकार को सूचित कर दिया है कि जब तक कोई समझौता नहीं हो जाता, वे अपनी भूख हड़ताल समाप्त नहीं करेंगे. उन्होंने कहा, ‘हमारा विरोध शांतिपूर्ण है, लेकिन लोग धैर्य खो रहे हैं. स्थिति हमारे हाथ से निकल सकती है. बातचीत पहले ही स्थगित हो चुकी है

पर्वतीय परिषद चुनावों से पहले पूरा किया जाना चाहिए वादा- वांगचुक

जलवायु कार्यकर्ता और शिक्षक सोनम वांगचुक ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने का वादा किया था. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आगामी पर्वतीय परिषद चुनावों से पहले यह वादा पूरा किया जाना चाहिए.

वांगचुक ने कहा, ‘अगर वे (सरकार) अपना वादा पूरा करते हैं, तो लद्दाख उन्हें वोट देगा और उन्हें विजयी बनाएगा. उन्हें सबसे ज्यादा फायदा होगा और लद्दाख को भी. इसलिए हमें उम्मीद है कि वे सार्थक बातचीत करेंगे.’