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नैनीताल के खूपी गांव में भूस्खलन का खतरा: घरों में दरारें, कई परिवार संकट में

खूपी गांव पर मंडराता भूस्खलन का संकट

नैनीताल: सरोवर नगरी नैनीताल का खूपी गांव भूस्खलन की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील हो गया है। वर्ष 2014 से गांव में लगातार भूस्खलन हो रहा है, जिसके कारण कई परिवार पलायन कर चुके हैं। गांव के घरों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ रही हैं, और अब गांव के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। इसके बावजूद प्रशासन का ध्यान प्रभावित ग्रामीणों की ओर नहीं गया है।

नैनीताल के लिए बढ़ता खतरा

खूपी गांव नैनीताल की तलहटी और बलिया नाले के पास स्थित है, जिसके कारण भूस्खलन की घटनाएं बढ़ रही हैं। गांव के ऊपर आर्मी कैंट एरिया और आलूखेत गांव भी खतरे की जद में हैं। लंबे समय से जारी भूस्खलन नैनीताल के अस्तित्व के लिए भी खतरा बन रहा है।

कई दशकों से गांव में हो रहे से नैनीताल के अस्तित्व पर भी बड़ा खतरा मंडरा रहा है. खूपीगांव नैनीताल की तलहटी समेत बलिया नाले से लगता हुआ है. जिससे गांव में लगातार भूस्खलन हो रहा है. खूपी गांव के ठीक ऊपर आर्मी कैंट एरिया और आलूखेत गांव है. जिन पर सबसे ज्यादा भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है. मामले में नैनीताल एसडीएम नवाजिश खालिक ने बताया भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित स्थान पर विस्थापित करने के लिए कार्य योजना बनाई जा रही है. पूर्व में एक स्थान चिन्हित किया गया था जिसे भूगर्भीय दृष्टि से असुरक्षि घोषित किया है. दूसरा स्थान विभाग द्वारा चिन्हित किया जा रहा है.

प्रशासन की कार्रवाई

नैनीताल के एसडीएम नवाजिश खालिक ने बताया कि भूस्खलन प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित करने की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। पूर्व में चिन्हित एक स्थान को भूगर्भीय दृष्टि से असुरक्षित घोषित किया गया था। अब विभाग दूसरा सुरक्षित स्थान चिन्हित करने में जुटा है।

आगे की उम्मीद

ग्रामीणों को उम्मीद है कि प्रशासन शीघ्र कार्रवाई करेगा ताकि खूपी गांव और आसपास के क्षेत्रों को भूस्खलन के खतरे से बचाया जा सके। इस समस्या के समाधान से न केवल गांव का संरक्षण होगा, बल्कि नैनीताल की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।