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चमोली: कहर बनी बारिश, घरों में घुसा मलबा, ग्रामीणों ने हॉस्पिटल में ली शरण, 3 मवेशियों की मौत

उत्तराखंड के चमोली जिले में मानसून की भारी बारिश ने एक बार फिर कहर बरपाया है। नंदप्रयाग क्षेत्र के थिरपाक गांव में बीती रात मूसलाधार बारिश के कारण बरसाती नाले उफान पर आ गए, जिससे गांव में भारी तबाही मची। नाले का मलबा और पानी कई घरों में घुस गया, जिसके चलते सुरक्षा दीवारें ढह गईं, दो गोशालाएं क्षतिग्रस्त हो गईं और एक बैल सहित दो बकरियों की मौत हो गई। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ग्रामीणों को अपने घर छोड़कर स्थानीय अस्पताल में शरण लेनी पड़ी। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं, लेकिन लगातार बारिश के कारण चुनौतियां बनी हुई हैं।

वहीं नंदप्रयाग के थिरपाक गांव में बरसाती गदेरे ने जमकर तबाही मचाई है. नाले का पानी और मलबा लोगों के घरों के अंदर घुस गया. साथ ही गदेरे के उफान पर आने से कई घरों को नुकसान पहुंचा है. आपदा में 2 शौचालय के बहने की खबर भी सामने आ रही है. वहीं 2 गोशालाएं भी गदेरे की चपेट में आई हैं, जिसमें मौजूद 1 बैल और 2 बकरी की मौत हो गई.थिरपाक गांव में देवाशीष कुमार, सज्जन लाल मनोहर लाल रोशन कुमार, रघुलाल, गरीब लाल, जिनके मकान को अभी भारी खतरा बना हुआ है. वहीं नंदानगर में चुफलागाड़ उफान पर है. वहीं दूसरी तरफ नंदाकिनी नदी ने भी विकराल रूप ले लिया है.

अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ा

चमोली जिले में भारी बारिश के कारण अलकनंदा नदी का जलस्तर भी खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। टाइम्स नाउ नवभारत की एक रिपोर्ट के अनुसार, नदी का पानी ब्रह्म कपाल तक पहुंच रहा है, जिसके चलते चमोली पुलिस और SDRF ने तीर्थयात्रियों से नदी के किनारे न जाने की अपील की है। प्रशासन ने बद्रीनाथ धाम जाने वाले यात्रियों को सतर्क रहने की सलाह दी है।