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पूर्णागिरि  मार्ग पर बाटनागाड़ नाले ने दिखाया रौद्र रूप, फंसे 5000 तीर्थ यात्रियों को किया गया रेस्क्यू


उत्तराखंड में मानसून अब रौद्र रूप धारण करने  लगा  है. पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. इसी कड़ी में चंपावत जिले में स्थित प्रसिद्ध मां पूर्णागिरि धाम के यात्रा मार्ग पर रविवार को  बाटनागाड़ बरसाती नाले में भारी मलबा आने से करीब 5000 से अधिक तीर्थ यात्री मार्ग में फंस गए.

प्रशासन ने चलाया रेस्क्यू अभियान

टनकपुर तहसील प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम आकाश जोशी के नेतृत्व में एसडीआरएफ, पुलिस, फायर और राजस्व विभाग की टीमों को तत्काल मौके पर रवाना किया. राहत कार्यों को अंजाम देते हुए सभी फंसे हुए तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया.

यात्रियों के लिए मौके पर ही भोजन, पानी और स्वास्थ्य सेवाओं की भी व्यवस्था की गई. प्रशासन द्वारा यात्रियों को उनके गंतव्य तक रवाना करने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. हालांकि टनकपुर से पूर्णागिरि धाम तक जाने वाला मुख्य मार्ग बाटनागाड़ नाले के पास अब भी अवरुद्ध है.

अचानक भारी बारिश बनी आफत

रविवार को अचानक भारी बारिश के चलते बाटनागाड़ और अन्य बरसाती नाले उफान पर आ गए. टनकपुर-पूर्णागिरि और टनकपुर-जौलजीबी मार्गों पर जगह-जगह भारी मलबा आ गया, जिससे आवाजाही पूरी तरह बाधित हो गई. इन रास्तों पर यात्रा को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है.

एसडीएम आकाश जोशी ने बताया कि,

प्रशासन द्वारा यात्रा मार्ग को खोलने के प्रयास युद्ध स्तर पर किए जा रहे हैं. लेकिन मलबा हटाने में सात से दस दिन तक का समय लग सकता है. श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों से अपील है कि प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और अनावश्यक यात्रा से बचें.”

मेला समाप्त, फिर भी जारी रहा श्रद्धालुओं का आना

गौरतलब है कि मानसून की दस्तक को देखते हुए 15  जून को पूर्णागिरि मेला आधिकारिक रूप से समाप्त कर दिया गया था. इसके बावजूद उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली जैसे राज्यों से श्रद्धालु लगातार मां पूर्णागिरि के दर्शन को पहुंचते रहे.

प्रशासन ने पहले ही यात्रियों से बरसात के मौसम में सतर्कता बरतने की अपील की थी, लेकिन भीड़ बढ़ने के चलते जोखिम और बढ़ गया. अब जब पूरा क्षेत्र भूस्खलन और नदियों के उफान की चपेट में है, तो प्रशासन ने यात्रा मार्ग पूरी तरह से बंद करने का निर्णय लिया है.


 यात्रियों और स्थानीय नागरिकों से अनुरोध है कि वे मौसम विभाग की चेतावनियों और प्रशासनिक निर्देशों का सख्ती से पालन करें. अनावश्यक यात्रा से परहेज करें और पूर्णागिरि धाम की यात्रा के लिए मौसम सामान्य होने तक प्रतीक्षा करें.