उत्तराखंड , उधम सिंह नगर जिले के केलाखेड़ा तहसील क्षेत्र के ग्राम भउआ नगला स्थित एक मशरूम फैक्ट्री में सोमवार देर सायं एक बड़ा हादसा हो गया. फैक्ट्री में रखे गए भारी रैक के अचानक गिरने से वहां काम कर रहे मजदूर उसकी चपेट में आ गए. हादसे में एक मजदूर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि सात मजदूरों की हालत गंभीर बताई जा रही है. वहीं 14 मजदूरों को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है.
फैक्ट्री में मचा हड़कंप, रेस्क्यू में जुटा प्रशासन
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन, पुलिस और जिला आपदा कंट्रोल टीम सक्रिय हो गई. तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू करते हुए रेस्क्यू टीम ने मलबे में दबे मजदूरों को बाहर निकाला और एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया. घायलों में से कई को जिला अस्पताल रेफर किया गया है.
जिलाधिकारी पहुंचे अस्पताल, दिए जांच के आदेश
घटना की जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी नितिन भदौरिया खुद जिला अस्पताल पहुंचे और घायलों का हालचाल जाना. उन्होंने मौके पर मौजूद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इलाज में कोई कोताही न बरतने के सख्त निर्देश दिए. साथ ही, पीड़ित परिवारों के रहने और भोजन की तत्काल व्यवस्था के निर्देश भी आपदा प्रबंधन टीम को दिए गए.
डीएम भदौरिया ने मृतक मजदूर के परिजनों से मिलकर संवेदना व्यक्त की और आश्वासन दिया कि प्रशासन हर संभव मदद करेगा. साथ ही, उन्होंने इस घटना की मजिस्ट्रियल जांच कराने के निर्देश दिए और कहा कि यदि फैक्ट्री प्रबंधन की लापरवाही सामने आई, तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
क्या थी फैक्ट्री में सुरक्षा मानकों की स्थिति
प्रारंभिक जांच में यह सवाल प्रमुख रूप से सामने आ रहा है कि क्या फैक्ट्री में सुरक्षा के मानक अपनाए गए थे या नहीं? औद्योगिक इकाइयों में मजदूरों की सुरक्षा के लिए कुछ आवश्यक प्रावधान होते हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- सुरक्षित संरचना एवं रैकिंग सिस्टम –
भारी सामग्री रखने वाले रैक की मजबूती का सर्टिफिकेट होना चाहिए और उसका समय-समय पर निरीक्षण जरूरी है. - इमरजेंसी एग्जिट और अलार्म सिस्टम –
किसी भी आपात स्थिति में मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए उचित मार्ग और चेतावनी प्रणाली होनी चाहिए. - पीपीई (PPE) – Personal Protective Equipment
मजदूरों को हेलमेट, सेफ्टी शूज, दस्ताने, और अन्य जरूरी सुरक्षा उपकरण दिए जाने चाहिए. - फायर सेफ्टी और आपदा प्रबंधन ड्रिल
समय-समय पर कर्मचारियों को आपात स्थिति में क्या करना है, इसकी ट्रेनिंग दी जानी चाहिए. - वर्किंग ऑवर और मजदूरों की थकान पर निगरानी
लगातार लंबे समय तक काम करने से दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ती है, इसलिए मानक अनुसार कार्य घंटों का पालन अनिवार्य होता है.
लोगों की मांग
इस हादसे ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या फैक्ट्रियों में मजदूरों की सुरक्षा को गंभीरता से लिया जा रहा है? स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि फैक्ट्री का संचालन लाइसेंस, संरचना की प्रमाणिकता और मजदूरों की सुरक्षा पर पूरे दस्तावेज सार्वजनिक किए जाएं.
इस दुखद घटना में मृतक के परिवार के प्रति हमारी गहरी संवेदना है और उम्मीद है कि प्रशासन इस मामले में निष्पक्ष जांच कर जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई करेगा.