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प्रशासकों का कार्यकाल 31 जुलाई तक बढ़ाया – उत्तराखंड में 52 दिनों में होंगे पंचायत चुनाव

उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने के लिए अब केवल 52 दिन शेष हैं.

नैनीताल हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद  राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग ने 2025 पंचायत चुनावों की  युद्धस्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं. हरिद्वार जिले को छोड़कर प्रदेश के शेष 12 जिलों में ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के चुनाव जुलाई  तक कराए जाने हैं.          सूत्रों के अनुसार, पंचायत चुनाव 7  या 10  जुलाई को एक या दो चरणों में कराए जा सकते हैं. अधिसूचना 20  जून को जारी होने की संभावना है. राज्य में करीब 7514  ग्राम पंचायतें, 3162 क्षेत्र पंचायतें और 385 जिला पंचायतें हैं, जिनका कार्यकाल 27 नवंबर 20 24  को समाप्त हो चुका है. इसके बाद प्रशासकों को नियुक्त किया गया था, लेकिन हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि कार्यकाल समाप्त होने के बाद प्रशासक नियुक्त करने का कोई प्रावधान नहीं है.

राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट ने कहा, “हमने सभी जिलों में मतदाता सूची तैयार कर ली है और परिसीमन का कार्य भी पूरा हो चुका है. हरिद्वार  को छोड़कर सभी 12 जिलों में चुनाव की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी.”

सरकार की तैयारियां

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार ने पंचायत चुनाव को लेकर कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. मंत्रिमंडल की उपसमिति का गठन किया गया है, जो ओबीसी आरक्षण और अन्य नीतिगत मुद्दों पर विचार कर रही है. कैबिनेट में जल्द ही इस संबंध में बड़ा फैसला लिया जा सकता है.

12  जिलों में परिसीमन और मतदाता सूची का कार्य पूरा.

चुनाव के लिए 7  या 10 जुलाई की तारीख प्रस्तावित.

20  जून को अधिसूचना जारी होने की संभावना.

प्रशासकों का कार्यकाल 31 जुलाई 2025  तक बढ़ाया गया .

राज्य निर्वाचन आयोग जल्द ही नामांकन प्रक्रिया शुरू करेगा. इसके साथ ही आचार संहिता लागू होने की संभावना है. सरकार और आयोग दोनों मिलकर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि चुनाव समय पर और पारदर्शी ढंग से संपन्न हों.उत्तराखंड के पंचायत चुनाव न केवल स्थानीय शासन को मजबूत करेंगे, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों को भी गति प्रदान करेंगे. सभी की निगाहें अब 20  जून को प्रस्तावित अधिसूचना और जुलाई में होने वाले मतदान पर टिकी हैं.