उत्तराखंड सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए एकल महिला स्वरोजगार योजना शुरू करने जा रही है . प्रदेश की अविवाहित, तलाकशुदा, परित्यक्ता, निराश्रित और विकलांग एकल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से “मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना” की शुरुआत करने जा रही है. महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने सोमवार को इस योजना का औपचारिक शुभारंभ कर दिया है .
18 जून से खुलेगा आवेदन पोर्टल
इस योजना के अंतर्गत पात्र महिलाएं 18 जून से 31 जुलाई 2025 तक आवेदन कर सकती हैं. आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से की जा सकेगी. योजना को 16 मई को कैबिनेट से मंजूरी मिली है . अब यह धरातल पर उतरने को तैयार है.
योजना की प्रमुख विशेषताएं
- किसे मिलेगा लाभ
अविवाहित, परित्यक्ता, तलाकशुदा, निराश्रित एवं विकलांग एकल महिलाएं जो आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनना चाहती हैं. - कितनी मदद मिलेगी
दो लाख रुपये तक का स्वरोजगार प्रोजेक्ट तैयार किया जा सकता है. इसमें से 75 % यानी 1.5 लाख रुपये सब्सिडी के रूप में राज्य सरकार द्वारा दी जाएगी. लाभार्थी महिला को केवल 25 % यानी 50,000 रुपये स्वयं निवेश करने होंगे. - कैसे मिलेगी सब्सिडी
सब्सिडी को तीन चरणों में दिया जाएगा:
पहली किश्त- 50 प्रतिशत व्यापार शुरू करते ही
- दूसरी किश्त- 30 प्रतिशत 6 माह के भीतर
- तीसरी किश्त- 20 प्रतिशत 9 माह बाद .
- इसी तरह लाभार्थी महिला को भी व्यवसाय शुरू करते समय 50,000 का- पचास प्रतिशत अपनी ओर से लगाना होगा
दूसरी किश्त में तीस प्रतिशत 6 माह के भीतर अपनी ओर से लगाना होगा
- तीसरी किश्त में बीस प्रतिशत 9 माह बाद अपनी ओर से लगाना होगा
- कौन-कौन से व्यवसाय
कृषि, पशुपालन, बागवानी, मत्स्य पालन, ब्यूटी पार्लर, कुटीर उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण, हस्तशिल्प आदि व्यवसायों को प्रोत्साहन मिलेगा.
क्या होगा यदि व्यवसाय शुरू नहीं किया
यदि लाभार्थी महिला व्यवसाय शुरू नहीं करती है, तो सरकार शुरुआती 50 % सब्सिडी की राशि वापस ले लेगी . योजना की निगरानी के लिए विभाग द्वारा एक मूल्यांकन समिति भी गठित की जाएगी.
कितना है लक्ष्य और बजट
योजना के पहले वर्ष में 2000 महिलाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य है। इसके लिए राज्य सरकार ने 30 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया है.
उत्तराखंड में बेरोजगारी की स्थिति
ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की आर्थिक भागीदारी अभी भी अपेक्षाकृत काफी कम है. यह योजना इस खाई को पाटने का प्रयास कर सकती है.
मंत्री रेखा आर्या का कहना है ,
“मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना का उद्देश्य महिलाओं को न केवल आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, बल्कि उन्हें पलायन से रोककर उनके गांव में ही आजीविका का साधन उपलब्ध कराना है। यह योजना महिला आत्मनिर्भरता और सामाजिक सम्मान की दिशा में एक अच्छी पहल है.”
उत्तराखंड सरकार की यह योजना एकल महिलाओं के जीवन को दिशा देने का माध्यम बनेगी. साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी गति देगी. जिन महिलाओं ने अब तक समाज में हाशिए पर जीवन जिया है, उनके लिए यह योजना नई उम्मीद की किरण बन सकती है.