Homeउत्तराखण्डकेदारनाथ से गुप्तकाशी लौटता  हेलिकॉप्टर क्रैश , सात की मौत

केदारनाथ से गुप्तकाशी लौटता  हेलिकॉप्टर क्रैश , सात की मौत

चारधाम यात्रा के दौरान रविवार की सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना में केदारनाथ से गुप्तकाशी लौट रहा आर्यन हेली एविएशन का हेलिकॉप्टर गौरी माई खर्क के जंगल क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हादसे में पायलट सहित सात लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों में महाराष्ट्र निवासी 23  माह की एक मासूम बच्ची भी शामिल है, जो अपने माता-पिता के साथ यात्रा पर थी.

दुर्घटना का कारण घना कोहरा बताया जा रहा है लेकिन ….

जानकारी आई है कि गौरीकुंड के पास के जंगल क्षेत्र में सुबह चार बजे घोड़ा-खच्चरों के लिए घास काटने गईं नेपाली मूल की महिलाएं शर्मिला और संजू इस हादसे की चश्मदीद रहीं. उन्होंने बताया कि सुबह करीब 5.20  बजे आसमान में घना कोहरा छा गया। इसी बीच हेलिकॉप्टर थोड़ा मुड़ा, पीछे गया और फिर नीचे की ओर आया. कोहरे में फंसा हेलिकॉप्टर एक ऊंचे पेड़ से टकराकर गिर पड़ा और आग की लपटों में जल गया.

उनका कहना  था हमसे करीब 20  मीटर की दूरी पर हेलिकॉप्टर गिरा था.  कुछ पल में ही सब खत्म हो गया. हमने मौके पर एक बच्ची को गिरा देखा, शायद वह हेलिकॉप्टर से नीचे गिर गई थी और पत्थरों से टकराकर उसकी मौत हो गई — शर्मिला

एसओपी का उल्लंघन बना मौत का कारण

हालांकि हादसे का तात्कालिक कारण खराब मौसम और दृश्यता की कमी को माना जा रहा है, ‘लेकिन प्रथम दृष्टया सामने आया है कि आर्यन एविएशन ने यूकाडा और डीजीसीए द्वारा तय मानकों (एसओपी) का गंभीर उल्लंघन किया’.     सुबह 6  से 7 बजे का उड़ान स्लॉट आवंटित होने के बावजूद, हेलिकॉप्टर को सुबह 5.11  बजे ही उड़ा दिया गया. और महज 13  मिनट में यह हादसा हो गया.

जिम्मेदारों पर मुकदमा, DGCA ने कंपनी का संचालन निलंबित किया

फाटा राजस्व उपनिरीक्षक की ओर से दर्ज रिपोर्ट के आधार पर, आर्यन एविएशन कंपनी के बेस मैनेजरों  के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023  की धारा 105  और वायुयान अधिनियम 1934 की धारा 10  के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोप है कि दोनों अधिकारियों ने लापरवाही बरतते हुए सुरक्षा निर्देशों की अनदेखी की, जिससे यह भीषण दुर्घटना घटी.

सरकार सख्त, हेली सेवाओं की समीक्षा का आदेश

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना को “बेहद दुखद” बताते हुए तत्काल आपातकालीन समीक्षा बैठक बुलाई. उन्होंने कहा,

“डीजीसीए के दिशा-निर्देशों में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी. हेली सेवाएं तभी शुरू होंगी जब यह सुनिश्चित हो कि केवल अनुभवी पायलट ही ऊंचे हिमालयी क्षेत्रों में उड़ान भरें। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी.”

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि घटना की जांच की जाएगी और जो भी इसके लिए दोषी पाया जाएगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

अन्य कंपनियां भी रडार पर, दो पायलटों के लाइसेंस निलंबित

इस हादसे के बाद हेली सेवाओं की निगरानी तेज कर दी गई है. डीजीसीए ने ट्रांस भारत एविएशन के दो हेलिकॉप्टरों को भी खराब मौसम में उड़ान भरते पाया। दोनों पायलटों के लाइसेंस छह माह के लिए निलंबित कर दिए गए हैं.


 सुरक्षा से  कोई भी समझौता नहीं होना चाहिये

केदारनाथ यात्रा में भी  श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है, लेकिन यह दुखद हादसा दिखाता है कि जब जिम्मेदार एजेंसियां सुरक्षा मानकों की अनदेखी करती हैं, तो नतीजे कितने भीषण हो सकते हैं.
अब देखना होगा कि जांच में क्या निष्कर्ष निकलते हैं और क्या वाकई दोषियों को सजा मिलती है — या   यह हादसा भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा.