विकास की राह पर तेजी से दौड़ रहे उत्तराखंड ने एक और बड़ी कामयाबी अपने नाम कर ली है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) कलेक्शन में 11 प्रतिशत की दमदार ग्रोथ दर्ज की है। यह न केवल बीते साल के मुकाबले शानदार उछाल है, बल्कि राष्ट्रीय औसत को भी छू रहा है। सरकार की सख्ती और व्यापारियों में बढ़ती टैक्स जागरूकता ने उत्तराखंड को राजस्व के मामले में मजबूत स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है।
राज्य कर विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 2024-25 में उत्तराखंड ने कुल ₹9360 करोड़ का नेट GST कलेक्शन किया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष (2023-24) के ₹8403 करोड़ से करीब ₹900 करोड़ अधिक है। यानी एक साल में 11% की जबरदस्त बढ़त।
मार्च में सबसे ज्यादा कलेक्शन, लगातार तीन महीने कलेक्शन 1600 करोड़ के पार
मार्च 2025 की बात करें तो अकेले इस महीने में राज्य ने ₹1742 करोड़ का GST इकट्ठा किया, जबकि मार्च 2024 में यह ₹1730 करोड़ था। जनवरी और फरवरी 2025 में भी क्रमशः ₹1655 करोड़ और ₹1656 करोड़ का कलेक्शन हुआ। यह दर्शाता है कि राजस्व में स्थिरता और निरंतरता दोनों बनी हुई है।
राष्ट्रीय ग्रोथ से कदम से कदम मिलाकर चल रहा उत्तराखंड
GST कलेक्शन के मामले में उत्तराखंड अब राष्ट्रीय औसत की बराबरी कर रहा है। देशभर में इस साल GST ग्रोथ 11% दर्ज की गई, ठीक उतनी ही उत्तराखंड में भी। खास बात यह है कि उत्तराखंड अब सिर्फ “हिल स्टेट” नहीं रहा, बल्कि आर्थिक प्रदर्शन में भी टॉप लेवल पर पहुंच रहा है।
हिमालयी राज्यों की बात करें तो उत्तराखंड लद्दाख (13%) के बाद दूसरे नंबर पर है। हिमाचल (10%), जम्मू-कश्मीर (7%) और सिक्किम (3%) जैसे पड़ोसी राज्यों को पीछे छोड़ते हुए उत्तराखंड ने अपने आप को आर्थिक रूप से अधिक संगठित और सक्रिय साबित किया है।
महाराष्ट्र बना GST का महाराजा
हालांकि देश में सबसे ज्यादा कलेक्शन का ताज महाराष्ट्र के सिर ही रहा। मार्च 2025 में महाराष्ट्र ने ₹32,335 करोड़ का कलेक्शन किया, जिसमें 14% की वृद्धि देखी गई। लेकिन उत्तराखंड जैसे छोटे पहाड़ी राज्य का 11% की दर से बढ़ना इस बात का संकेत है कि टैक्स सिस्टम को लेकर यहाँ की मशीनरी और व्यापारी वर्ग अब और ज़िम्मेदार हो चला है।
कलेक्शन बढ़ाने के पीछे ‘एक्शन प्लान’ की बड़ी भूमिका
GST कलेक्शन बढ़ने के पीछे एकमात्र कारण आर्थिक गतिविधियां नहीं रहीं, बल्कि टैक्स चोरी पर सर्जिकल स्ट्राइक भी इसकी अहम वजह है। राज्य कर विभाग ने GST रिटर्न न भरने वाले व्यापारियों और डीलरों के खिलाफ अभियान चलाया।
चार हजार से अधिक डीलर ऐसे पाए गए, जिन पर करोड़ों रुपये बकाया था। विभाग ने न केवल बकाया वसूला, बल्कि कई व्यापारियों के पंजीकरण भी निलंबित किए। इसके अलावा GST रिटर्न समय पर दाखिल न करने वाले कारोबारियों पर भी कार्रवाई की गई, जिससे करदाताओं में अनुशासन और जागरूकता आई। राज्य कर आयुक्त ने बताया कि इस सख्ती की वजह से इस साल उत्तराखंड को अतिरिक्त ₹100 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ, जो पिछले वर्षों में संभव नहीं हो पाया था।