राज्य में पहली कक्षा में दाखिले को लेकर उठे विवाद के बीच सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए आयु सीमा को लेकर संशोधित अधिसूचना शुक्रवार को जारी कर दी. अब शैक्षिक सत्र 2025 -26 से कक्षा एक में प्रवेश के लिए बच्चे की आयु एक जुलाई तक छह वर्ष पूर्ण होना अनिवार्य होगा . इससे पहले यह सीमा एक अप्रैल निर्धारित थी, जिसके चलते बच्चों और अभिभावकों को तमाम कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था.
यह मसला राज्य बाल आयोग के संज्ञान में भी आया था, जहां आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने शिक्षा महानिदेशक को इस नियम पर पुनर्विचार करने के निर्देश दिए थे। आयोग की सिफारिशों और अभिभावकों की शिकायतों के मद्देनज़र सरकार ने यह संशोधन करते हुए तीन महीने की राहत दी है.
पुराने दाखिलों पर असर नहीं
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि जो बच्चे पहले ही प्री-स्कूल – जैसे नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी – में दाखिला ले चुके हैं, उन्हें इस नए नियम से कोई असुविधा नहीं होगी। ऐसे बच्चों को पूर्व की भांति कक्षा-एक में अध्ययन की अनुमति दी जाएगी, जिससे उनकी शैक्षणिक निरंतरता प्रभावित न हो.
स्कूलों और अभिभावकों को कुछ राहत
शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आयु सीमा में यह संशोधन स्कूलों और अभिभावकों दोनों के लिए हितकारी सिद्ध होगा . पहले की व्यवस्था के कारण कई स्कूलों में कक्षा-एक में अपेक्षित संख्या में दाखिले नहीं हो पा रहे थे। वहीं, अभिभावकों को बच्चों की उम्र में कुछ ही दिनों या हफ्तों की कमी के चलते परेशानी झेलनी पड़ रही थी. अब एक जुलाई तक छह वर्ष की आयु पूर्ण करने की अनुमति से कुछ समस्याओं का समाधान संभव हुआ है.
इस संशोधन में एक अप्रैल की बजाय एक जुलाई को तय कर दिया गया है, जिससे नियम स्पष्ट और व्यावहारिक हो गए हैं
यह संशोधित नियमावली शैक्षिक सत्र 202-26 से प्रभावी होगी और सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों के लिए जरुरी होगी
लेकिन अभी भी 1 कक्षा में दाखिला लेने वाले बच्चों के लिए 6 वर्ष पूर्ण होने की अनिवार्यता बनी हुई है . अभिभावकों का कहना है पहले 5 वर्ष वाला नियम ही ठीक था . जिससे जुलाई से दिसम्बर में पैदा हुये बच्चे भी समय पर दाखिला ले पाते. अभिभावकों ने सरकार और शिक्षा विभाग से अपील भी की है कि कक्षा 1 में दाखिले की उम्र 5 वर्ष की जाय.