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उत्तराखंड में योग की गूंज: राष्ट्रपति ने कहा – “योग किसी पंथ या सम्प्रदाय का  नहीं, यह पूरे विश्व के लिए है”

11 वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर उत्तराखंड एक बार फिर योग  के लिए  वैश्विक मंच पर धमाल मचा रहा है .एक ओर देहरादून पुलिस लाइन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने योग कर लोगों को विशेष  प्रेरणा दी, तो दूसरी ओर ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई में हजारों लोगों ने सामूहिक योग कर स्वास्थ्य और शांति का संदेश दिया.

“उत्तराखंड योग और शांति  का केंद्र”: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

देहरादून पुलिस लाइन में आयोजित भव्य योग कार्यक्रम में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा,
योग किसी धर्म, पंथ या संप्रदाय से नहीं जुड़ा है.यह सम्पूर्ण मानवता के लिए है.उत्तराखंड सदियों से कर्मशील  ऋषियों, मुनियों और योगियों की तपोभूमि रहा है, यही इसकी वास्तविक  ताकत है.”

इस दौरान राज्यपाल गुरमीत सिंह और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल भी उनके साथ योगासन करते नजर आए.कार्यक्रम में करीब 1000 लोगों ने हिस्सा लिया.

🌍 भराड़ीसैंण में 8  देशों के राजदूतों ने किया योग

गैरसैंण स्थित विधानसभा परिसर में आयोजित ऐतिहासिक योग सत्र में मैक्सिको, फिजी, नेपाल, सूरीनाम, मंगोलिया, लातविया, श्रीलंका और रूस के 10 डेलिगेट्स व योग गुरु पद्मश्री स्वामी भारत भूषण ने भाग लिया.
   इस दौरान  योग नीति पुस्तिका का अनावरण भी किया, जिसमें योग आधारित रोजगार योजनाएं शामिल हैं.

 योग, संस्कृति और सौहार्द का संगम

विदेशी अतिथियों का स्वागत पारंपरिक छोलिया नृत्य और वाद्य यंत्रों से किया गया.योग के साथ-साथ उत्तराखंड की संस्कृति की झलक भी इस आयोजन में देखने को मिली.

ग्रामीण क्षेत्रों और स्कूलों में भी दिखा उत्साह

  • नैनीताल में छात्राओं ने नैनी झील किनारे योग किया.
  • थराली के रामलीला मैदान में जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और व्यापारियों ने सामूहिक योग किया.
  • जौनसार-बावर के दातनू गांव में ग्रामीणों को डॉ. आभा शर्मा ने योग का महत्व समझाया.

हर वर्ग और हर आयु के लोगों ने योग में भाग लेकर इसे जन – जन  तक पहुचाया है .

 योग से रोजगार की दिशा में बड़ा कदम

राज्य सरकार ने साफ संकेत दिया है कि अब योग केवल स्वास्थ्य का नहीं, रोजगार और स्वरोजगार का भी बड़ा माध्यम बनेगा.
मुख्यमंत्री धामी ने कहा:
हम प्रदेश में प्रशिक्षित योग शिक्षकों की नियुक्ति, योग पर्यटन, वेलनेस सेंटरों और पंचकर्म केंद्रों के ज़रिए हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर देंग.”

उत्तराखंड में AYUSH सेक्टर में निवेश बढ़ रहा है, जिससे बेरोजगार युवाओं को योग आधारित स्टार्टअप, प्रशिक्षक, गाइड और वेलनेस कोच के रूप में रोज़गार मिल सकता  है.


उत्तराखंड ने  आज न केवल योग का संदेश दिया, बल्कि यह भी बताया कि योग सांस्कृतिक विरासत, स्वास्थ्य संरक्षण और आर्थिक सशक्तिकरण का अद्वितीय संगम बन सकता  है.देहरादून से भराड़ीसैंण और थराली से जौनसार तक हर कोना योगमय हो उठा.आने वाले वर्षों में उत्तराखंड को वैश्विक योग केन्द्र बनाने की तैयारी चल रही  है .