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Tragic road accidents : मसूरी और नैनीताल के दो भीषण सड़क हादसों में 4 की मौत, एक घायल

उत्तराखंड में बीती रात दो अलग-अलग जगहों पर हुए भीषण सड़क हादसों ने चार जिंदगियों को लील लिया। पहला हादसा मसूरी-देहरादून मार्ग पर हुआ, जबकि दूसरा नैनीताल रोड पर। दोनों ही मामलों में वाहन अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हुए और जानें चली गईं। घटनाओं ने राज्य में सड़क सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

मसूरी रोड पर कार खाई में गिरी, दो की मौत

बुधवार देर रात मसूरी से देहरादून लौट रही एक कार ग्लोगी के पास अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी। कार में सवार तीन लोगों में से दो की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया।

पुलिस को हादसे की सूचना मेजर अंशुमान त्रिखा ने दी, जो खुद दुर्घटना में घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि वे तीन लोग मसूरी से वापस लौट रहे थे, तभी कार फिसलकर खाई में जा गिरी। पुलिस और राहत दल ने मौके पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू किया। मृतकों की पहचान और घायल की स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी अभी आनी बाकी है। घटना की जांच जारी है और हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए तकनीकी विश्लेषण किया जा रहा है।

नैनीताल रोड पर बाइक पेड़ से टकराई, दो युवकों की मौत

दूसरी दुखद घटना हल्द्वानी के पास नैनीताल रोड पर भोटिया पड़ाव पुलिस चौकी क्षेत्र में हुई। मंगलवार रात करीब साढ़े 12 बजे दो युवक बाइक से लौट रहे थे, जब उनकी तेज रफ्तार बाइक पीपलवाड़ा के पास एक पेड़ से टकरा गई।

घायलों को तत्काल सुशीला तिवारी अस्पताल (एसटीएच) ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान 25 वर्षीय रोहित कुमार और 19 वर्षीय विवेक आर्या के रूप में हुई है। दोनों युवक रामनगर के एक रिजॉर्ट में काम करते थे और काठगोदाम में एक शादी समारोह से लौट रहे थे। पुलिस के अनुसार, बाइक की रफ्तार अधिक थी और संभवतः हेलमेट निकल जाने के कारण सिर पर गंभीर चोट आई, जिससे दोनों की जान चली गई। घटनास्थल से हेलमेट बरामद किया गया है। मामले की जांच के लिए आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।

पहले भी हो चुके हैं हादसे, सड़कें बनीं ‘डेथ जोन’

बताया जा रहा है कि इससे दो माह पहले भी काठगोदाम के पास दो युवकों की जान एक सड़क दुर्घटना में चली गई थी, जब उनकी बाइक डिवाइडर से टकराकर पलटी थी। नैनीताल रोड को हादसों के लिहाज से संवेदनशील माना जा रहा है। लगातार हो रहे हादसे सड़क पर यातायात सुरक्षा उपायों की अनदेखी की ओर संकेत कर रहे हैं।
इन दर्दनाक हादसों ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या पहाड़ी इलाकों में पर्याप्त सड़क सुरक्षा उपाय हैं? खासकर रात में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए क्या कोई विशेष व्यवस्था की जाती है?

स्थानीय प्रशासन और परिवहन विभाग को इन घटनाओं से सबक लेते हुए तत्काल प्रभाव से सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके। एक ही रात में उत्तराखंड की दो प्रमुख सड़कों पर हुए हादसों ने चार परिवारों को उजाड़ दिया। यह एक चेतावनी है कि सड़क सुरक्षा को लेकर और अधिक सजग और सक्रिय होने की जरूरत है। प्रशासनिक सतर्कता, जागरूकता और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर ही इन जानलेवा हादसों पर विराम लगा सकते हैं।