रामनगर तराई पश्चिमी वन प्रभाग के रामनगर रेंज में बाघों का आतंक बढ़ता जा रहा है। उत्तरी आमपानी बीट में लकड़ी बीनने गए विनोद कुमार (35) पर बाघ ने हमला कर दिया, जिससे उनकी मौत हो गई। यह पांच महीनों में बाघ के हमले से हुई चौथी मौत है, जबकि दो अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
जंगल में घसीटा, अस्पताल में मौत
जानकारी के मुताबिक, मंगलवार (27 मई 2025) को विनोद कुमार अपने साथियों के साथ जंगल में लकड़ी बीनने गए थे। तभी एक बाघ ने उन पर हमला कर दिया और उन्हें घसीटते हुए करीब 100 मीटर अंदर ले गया। विनोद के साथियों के शोर मचाने पर बाघ उसे छोड़कर जंगल में चला गया। गंभीर रूप से घायल विनोद को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
बढ़ते बाघ और मानव-वन्यजीव संघर्ष
कॉर्बेट नेशनल पार्क रामनगर और उससे सटे वन प्रभागों में बाघों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इसके चलते बाघों के बीच आपसी संघर्ष तो बढ़ा ही है, साथ ही मानव-वन्यजीव संघर्ष के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। जनवरी 2025 से अब तक बाघों ने अलग-अलग वन प्रभागों में छह घटनाओं को अंजाम दिया है। इनमें से रामनगर वन प्रभाग और कॉर्बेट व तराई पश्चिमी वन प्रभाग में हुई दो-दो घटनाओं में कुल चार लोगों की मौत हुई है, जबकि दो व्यक्ति घायल हुए हैं।
हाल की घटनाएं
• 8 जनवरी: ओखलढूंगा में शांति देवी की मौत।
• 9 जनवरी: सांवल्दे बीट में प्रेम सिंह बीट वॉचर की मौत।
• 10 जनवरी: देचौरी रेंज में भुवन चंद्र बेलवाल की मौत।
• 13 फरवरी: सांवल्दे बीट में गणेश पवार घायल।
• 12 अप्रैल: आमपानी में यशपाल सिंह घायल।
• 26 मई: आमपानी बीट में विनोद कुमार की मौत।
इन लगातार हो रहे हमलों ने स्थानीय लोगों में भय का माहौल पैदा कर दिया है और वन विभाग के सामने मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने की बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है।