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रांसी स्टेडियम में संदिग्ध सिरिंज और दवाइयों के रैपर मिले : खेल विभाग सख्त, खिलाड़ियों को दी चेतावनी

पौड़ी गढ़वाल का रांसी स्टेडियम, जिसे एशिया का दूसरा सबसे ऊंचाई पर स्थित हाई एल्टीट्यूड स्पोर्ट्स स्टेडियम माना जाता है, एक बार फिर चर्चा में आ गया है। इस बार चर्चा की वजह न तो कोई बड़ी स्पर्धा है और न ही किसी रिकॉर्ड की उपलब्धि, बल्कि एक ऐसा मामला है जिसने न केवल स्थानीय प्रशासन बल्कि समूचे खेल जगत को चौंका दिया है। हाल ही में यहां के पुरुष शौचालय में संदिग्ध सिरिंज और प्रतिबंधित दवाइयों के रैपर बरामद किए गए हैं। इस घटना के बाद खेल विभाग और जिला प्रशासन ने तत्काल एक्शन में आते हुए स्टेडियम में अभ्यास कर रहे सभी खिलाड़ियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं।

प्रतिबंधित दवाओं के इस्तेमाल की आशंका

रांसी स्टेडियम में देशभर से आए खिलाड़ी अभ्यास करते हैं, खासकर उन राज्यों से जहां एथलेटिक्स में प्रतियोगिताएं अधिक होती हैं जैसे पंजाब, हरियाणा और राजस्थान। 38वें राष्ट्रीय खेलों से पहले भी कई राष्ट्रीय खिलाड़ियों ने इसी स्टेडियम में अभ्यास किया था। लेकिन अब इस घटनाक्रम से स्टेडियम की छवि को गहरी चोट पहुंची है। दवाओं और सिरिंज के मिलने से यह आशंका जताई जा रही है कि कुछ खिलाड़ी अपनी प्रदर्शन क्षमता बढ़ाने के लिए प्रतिबंधित शक्तिवर्धक दवाओं का प्रयोग कर रहे हैं।

जिला क्रीड़ा अधिकारी का निरीक्षण

घटना की जानकारी मिलते ही जिला क्रीड़ा अधिकारी संदीप डुकलान ने खुद स्टेडियम का निरीक्षण किया और खिलाड़ियों से मुलाकात कर उन्हें स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी तरह की प्रतिबंधित दवाओं का सेवन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अगर कोई भी खिलाड़ी दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ निलंबन, स्टेडियम से निष्कासन, और संबंधित राज्य खेल परिषद को रिपोर्टिंग जैसी सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाइयाँ की जाएंगी।

कोच और स्थानीय खिलाड़ियों की प्रतिक्रिया

स्थानीय खिलाड़ी और कोच लगातार यह दावा कर रहे हैं कि उत्तराखंड के खिलाड़ी पूरी तरह स्वच्छ खेल भावना के साथ अभ्यास कर रहे हैं। उत्तराखंड के चमोली जिले से ताल्लुक रखने वाले खिलाड़ी दिगम्बर सिंह ने बताया कि वे कोच की देखरेख में नियमित और प्राकृतिक तरीके से प्रशिक्षण लेते हैं और किसी भी प्रकार की प्रतिबंधित दवाओं का सेवन नहीं करते। उन्होंने बताया कि हाई एल्टीट्यूड पर स्थित रांसी मैदान में अभ्यास करने से स्टेमिना में सुधार होता है, जिससे खिलाड़ियों को प्रतियोगिताओं में फायदा होता है।

बाहरी राज्यों के खिलाड़ियों को सख्त चेतावनी

खेल विभाग ने खासतौर पर बाहरी राज्यों से आए खिलाड़ियों को सख्त चेतावनी दी है कि अगर भविष्य में किसी को प्रतिबंधित दवाओं का इस्तेमाल करते हुए पाया गया, तो तत्काल कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस कार्रवाई में स्टेडियम में प्रवेश पर रोक, पुलिस शिकायत और आगे की कानूनी प्रक्रिया भी शामिल हो सकती है।

38वें नेशनल गेम्स और डोपिंग का संदिग्ध साया

गौरतलब है कि हाल ही में 28 जनवरी से 14 फरवरी 2025 तक उत्तराखंड में 38वें नेशनल गेम्स आयोजित हुए थे। इस दौरान डोपिंग को लेकर बेहद सख्त निगरानी रखी गई थी, लेकिन अब रांसी स्टेडियम से जो साक्ष्य सामने आए हैं, वे इस निगरानी पर सवाल खड़े करते हैं। ऐसा अनुमान है कि यहां मिली दवाइयां प्रदर्शन बढ़ाने वाली हो सकती हैं, हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है और जांच प्रक्रिया जारी है।

स्टेडियम की प्रतिष्ठा पर सवाल

रांसी स्टेडियम देशभर के खिलाड़ियों के लिए एक आदर्श अभ्यास केंद्र रहा है, लेकिन ऐसी घटनाएं इसकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकती हैं। खेल विभाग ने स्पष्ट किया है कि वह रांसी स्टेडियम की साख को बनाए रखने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।

रांसी स्टेडियम में प्रतिबंधित दवाओं और सिरिंज का मिलना, खेल की पवित्रता पर एक गंभीर सवाल है। खेल विभाग की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन ज़रूरत इस बात की है कि डोपिंग जैसी प्रवृत्तियों को जड़ से खत्म किया जाए। खिलाड़ियों को नैतिक खेल मूल्यों को अपनाना होगा और प्रशिक्षकों व अधिकारियों को निरंतर निगरानी रखनी होगी ताकि भविष्य में ऐसा कोई मामला सामने न आए। यदि अब भी कड़ी कार्यवाही नहीं की गई, तो यह न केवल खिलाड़ियों के करियर को नुकसान पहुंचाएगा, बल्कि भारत की खेल छवि को भी प्रभावित करेगा।