उत्तराखंड सरकार अब राज्य की सुरक्षा और प्रशासनिक पारदर्शिता को लेकर और अधिक गंभीर हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के 13 जिलों के जिलाधिकारियों को दोटूक शब्दों में निर्देश दिए हैं कि बाहरी और संदिग्ध व्यक्तियों को सरकारी सुविधाएं — जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी, बिजली और पानी के कनेक्शन — यदि नियमों को ताक पर रखकर दिए जाते हैं, तो संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ न केवल निलंबन बल्कि टर्मिनेशन तक की कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने यह संदेश एक वर्चुअल बैठक में दिया जिसमें सभी जिलाधिकारी, दोनों मंडलों के आयुक्त और प्रमुख अधिकारी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि यह केवल प्रशासनिक मुद्दा नहीं बल्कि राज्य की सुरक्षा से जुड़ा विषय है, और इसमें कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जन शिकायतों का त्वरित समाधान अनिवार्य
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि जनता की शिकायतों का समाधान सर्वोच्च प्राथमिकता पर किया जाए। जन सुनवाई को नियमित किया जाए और तहसील दिवस, बीडीसी बैठकें, और बहुद्देशीय शिविरों के माध्यम से योजनाओं की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाई जाए।
ई-सेवाओं को बढ़ावा
सीएम धामी ने कहा कि आम लोगों को अनावश्यक रूप से सरकारी दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें, इसके लिए ई-सेवाओं को बढ़ावा दिया जाए। साथ ही, कार्यों में देरी या अनियमितता बरतने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
चारधाम यात्रा की तैयारियों का जायजा
आगामी चारधाम यात्रा के मद्देनज़र मुख्यमंत्री ने व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए स्पष्ट किया कि यात्रा के दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधियों, होटल व्यवसायियों और यात्रियों से जुड़े अन्य हितधारकों के साथ समन्वय अनिवार्य है। उन्होंने चारधाम यात्रा को स्वच्छ, सौंदर्यपूर्ण और पर्यावरण के अनुकूल बनाने पर विशेष जोर दिया।
वनाग्नि प्रबंधन और पेयजल आपूर्ति पर विशेष फोकस
गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए वनाग्नि की संभावनाओं वाले क्षेत्रों में फॉरेस्ट टीमों की तैनाती, उपकरणों की उपलब्धता और मोबाइल गश्त का आदेश भी दिया गया है। मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित करने को कहा कि वनाग्नि की किसी भी घटना की सूचना पर तुरंत कार्रवाई हो। इसके साथ ही, पेयजल संकट की आशंका को देखते हुए उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे पानी की आपूर्ति सुचारु बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। पेयजल टैंकरों की उपलब्धता, रूट की समीक्षा और शिकायतों का त्वरित समाधान अनिवार्य किया गया है।
विद्युत बिल और स्मार्ट मीटर योजना
बिजली बिल से जुड़ी बढ़ती शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने इनका जल्द समाधान करने और स्मार्ट मीटर योजना में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने अंत में दोनों मंडलायुक्तों को फील्ड में जाकर निर्देशों की भौतिक प्रगति का मूल्यांकन करने और आगामी समीक्षा बैठक से पहले रिपोर्ट प्रस्तुत करने को भी कहा।