राजधानी दिल्ली के भारत मंडपम में आज नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल बैठक संपन्न हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में ‘विकसित भारत के लिए विकसित राज्य’ की थीम पर गहन विचार-विमर्श किया गया। बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल, केंद्रीय मंत्री और नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने सभी राज्यों से केंद्र सरकार के साथ मिलकर ‘टीम इंडिया’ की भावना से काम करने का आह्वान किया, ताकि 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाया जा सके।
‘विकसित भारत हर भारतीय का लक्ष्य’
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को हर भारतीय का साझा लक्ष्य बताया। उन्होंने जोर देकर कहा, “जब हर राज्य विकसित होगा, तभी भारत विकसित होगा।” उन्होंने भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आधुनिक और टिकाऊ शहरों के निर्माण पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि प्रत्येक राज्य को वैश्विक स्तर के पर्यटन स्थल विकसित करने चाहिए। उनका मानना था कि इससे न केवल स्थानीय विकास को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि रोजगार और आय के नए अवसर भी सृजित होंगे।
विकास की गति बढ़ाने और महिलाओं की भागीदारी पर जोर
प्रधानमंत्री मोदी ने विकास की गति को और तेज करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “अगर केंद्र और सभी राज्य एक साथ मिलकर टीम इंडिया की तरह काम करें, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।” उन्होंने कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर भी विशेष ध्यान दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि कानून और नीतियां इस प्रकार बनाई जानी चाहिए कि महिलाएं सम्मानपूर्वक और सुरक्षित तरीके से कार्यक्षेत्र में शामिल हो सकें। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि जब नीतियों का असर आम लोगों के जीवन में दिखता है, तभी वे बदलाव एक सशक्त आंदोलन का रूप लेते हैं। यह दर्शाता है कि सरकार समावेशी विकास और लैंगिक समानता के प्रति कितनी गंभीर है।
मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों की भागीदारी
बैठक में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और प्रधानमंत्री के साथ कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी सहित कई अन्य मुख्यमंत्रियों ने बैठक में अपने विचार साझा किए। यह बैठक केंद्र और राज्यों के बीच सहयोगात्मक संघवाद को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
कुछ मुख्यमंत्रियों की अनुपस्थिति
हालांकि, इस महत्वपूर्ण बैठक में कुछ मुख्यमंत्रियों की अनुपस्थिति भी चर्चा का विषय रही। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपने पहले से निर्धारित कार्यक्रम का हवाला देते हुए बैठक में हिस्सा नहीं लिया। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने अपनी ओर से अपने कैबिनेट सहयोगी के एन बालगोपाल को भेजा। इसी तरह, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन रंगासामी भी बैठक में शामिल नहीं हुए। इन मुख्यमंत्रियों की अनुपस्थिति के बावजूद, बैठक में उपस्थित अन्य प्रतिनिधियों ने ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए रोडमैप पर गहन चर्चा की।
आगे की राह: चुनौतियों और अवसर
नीति आयोग की यह बैठक ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुई है। इसमें न केवल रोडमैप तय किया गया, बल्कि केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया गया। हालांकि, इस लक्ष्य को प्राप्त करने में कई चुनौतियां भी हैं, जिनमें क्षेत्रीय असमानताएं, बुनियादी ढांचे का विकास, और मानव संसाधन का उचित उपयोग शामिल हैं। इसके बावजूद, ‘टीम इंडिया’ की भावना से काम करने और सभी हितधारकों के सक्रिय सहयोग से, भारत के 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। बैठक में लिए गए निर्णयों और निर्धारित रोडमैप का क्रियान्वयन आने वाले समय में महत्वपूर्ण होगा।