भारत में कोरोना वायरस एक बार फिर तेजी से पैर पसार रहा है। बीते एक सप्ताह में देश भर में 2967 नए कोविड पॉजिटिव मामले सामने आए हैं, जिससे कुल सक्रिय मरीजों की संख्या 3976 हो गई है। चिंताजनक बात यह है कि इस अवधि में 27 लोगों की मृत्यु हुई है, और पिछले 24 घंटों में 6 और मौतों के साथ, कोरोना से जान गंवाने वालों की कुल संख्या बढ़कर 34 हो गई है। हांगकांग, सिंगापुर, चीन और थाईलैंड जैसे देशों के बाद अब भारत में भी मामलों में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है, जिसने स्वास्थ्य अधिकारियों की नींद उड़ा दी है।
राज्यों की स्थिति, केरल और महाराष्ट्र में सबसे अधिक सक्रिय मामले
राज्यों के आंकड़ों पर गौर करें तो, केरल में स्थिति सबसे अधिक चिंताजनक बनी हुई है। यहां कुल 2160 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 1435 सक्रिय हैं और 8 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, महाराष्ट्र में 814 कुल पॉजिटिव मामलों के साथ 506 सक्रिय मरीज हैं और 8 मौतें हुई हैं।
अन्य प्रमुख राज्यों की स्थिति इस प्रकार है।
• दिल्ली: 926 कुल मरीज, 483 सक्रिय, 4 मौतें।
• गुजरात: 461 कुल मरीज, 338 सक्रिय, 3 मौतें।
• कर्नाटक: 442 कुल मरीज, 253 सक्रिय, 4 मौतें।
• तमिलनाडु: 426 कुल मरीज, 189 सक्रिय, 2 मौतें।
• उत्तर प्रदेश: 172 कुल मरीज, 157 सक्रिय, 2 मौतें।
• राजस्थान: 98 कुल मरीज, 69 सक्रिय, 1 मौत।
• मध्य प्रदेश: 28 कुल मरीज, 23 सक्रिय, 1 मौत।
• बिहार: 5 कुल मरीज, सभी सक्रिय।
• पंजाब: 10 कुल मरीज, 6 सक्रिय, 1 मौत।
• छत्तीसगढ़: 13 कुल मरीज, 8 सक्रिय (कोई मौत नहीं)।
• हरियाणा: 52 कुल मरीज, 28 सक्रिय (कोई मौत नहीं)। • उत्तराखंड : संक्रमित मरीज 13 (कोई मौत नहीं)।
लगातार बढ़ते केसों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग और आयुष मंत्रालय पूरी तरह सतर्क हैं और सभी राज्यों के हालात पर पैनी नजर रख रहे हैं।
कैसे बढ़ रहा है कोरोना? आंकड़ों का विश्लेषण
• 12 मई: भारत में कुल 164 सक्रिय मामले थे।
• 19 मई: 93 नए मरीज मिलने के बाद संख्या बढ़कर 257 हो गई।
• 19 से 26 मई: 752 नए कोरोना पॉजिटिव मिले, जिससे कुल सक्रिय केस 1009 हो गए और मौतों की संख्या 7 तक पहुंची।
• बीते सात दिन (26 मई से 2 जून): कोरोना पॉजिटिव की संख्या तेजी से बढ़कर 3976 पर पहुंच गई है, और कुल मौतों का आंकड़ा 34 हो गया है।
यह तेजी स्पष्ट रूप से बताती है कि संक्रमण की दर एक बार फिर बढ़ गई है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से शारीरिक दूरी बनाए रखने और स्वच्छता का खास ध्यान रखने की अपील की है। साथ ही, बुखार, खांसी, सीने में दर्द या सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण महसूस होने पर तुरंत जांच कराने की सलाह दी गई है।
लक्षणों को न करें नजरअंदाज: क्या कहते हैं एक्सपर्ट डॉक्टर
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कुछ ऐसे लक्षणों को नजरअंदाज न करने की सलाह दी है जो कोरोना संक्रमण का संकेत हो सकते हैं।
सामान्य लक्षण
• हल्का या तेज बुखार
• गले में खराश या खराब होना
• सिरदर्द
• बदन दर्द या अत्यधिक थकान
• सर्दी-जुकाम, बंद या बहती नाक
• सूखी खांसी
•गंभीर लक्षण (तुरंत अस्पताल जाएं)
• सांस लेने में दिक्कत या सीने में जकड़न
• लगातार खांसी के साथ बलगम
• ऑक्सीजन स्तर में गिरावट
• होश या चेतना में कमी
• तेज दिल की धड़कन
एक्सपर्ट डॉक्टरों का कहना है कि भीड़भाड़ वाली जगहों, अस्पतालों और सार्वजनिक परिवहन में मास्क का उपयोग अनिवार्य रूप से करें। साथ ही, साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोना या अल्कोहल-आधारित सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करना संक्रमण से बचा सकता है।
भारत में ओमिक्रॉन के 4 सब-वैरिएंट : NB.1.8.1 पर विशेष निगरानी
भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच, ओमिक्रॉन के 4 प्रमुख सब-वैरिएंट (JN.1, NB.1.8.1, LF.7 और XFG) की पहचान की गई है। हालांकि शुरुआत में इन वैरिएंट्स को ज्यादा खतरनाक नहीं बताया जा रहा था, लेकिन अमेरिकी मीडिया से आई खबरों ने चिंता बढ़ा दी है। अमेरिकी सीडीसी (CDC) के आंकड़ों से पता चला है कि पिछले एक सप्ताह में कोरोना ने 350 अमेरिकियों की जान ले ली है। इनमें से ज्यादातर वे लोग थे जो उच्च जोखिम वाले समूह से संबंधित थे। इन मौतों में से अधिकांश के लिए NB.1.8.1 सब-वैरिएंट को जिम्मेदार पाया गया है।
NB.1.8.1 वैरिएंट में A435S, V445H और T478I नामक स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि इसमें मानव कोशिकाओं से जुड़ने की अधिक क्षमता है, जिसकी वजह से यह अधिक संक्रामक बना सकता है। ऐसे में स्वास्थ्य अधिकारी इस सब-वैरिएंट की खास निगरानी कर रहे हैं।
JN.1 वैरिएंट की चुनौतियां
इस वैरिएंट की बात करें तो, यह ओमिक्रॉन BA.2.86 वैरिएंट का वंशज है और दक्षिण पूर्व एशिया में इसी वैरिएंट की वजह से कोविड के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, JN.1 वैरिएंट में लगभग 30 म्यूटेशन हैं, जिनमें LF.7 और NB.1.8 जैसे कॉमन वैरिएंट शामिल हैं। हालांकि JN.1 के लक्षण आमतौर पर हल्के बताए जा रहे हैं, लेकिन इसकी तेजी से फैलने की क्षमता चिंता का विषय है। कुल मिलाकर, भारत में कोरोना के मामलों में वृद्धि को देखते हुए, सतर्कता और कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि इस संभावित नई लहर के प्रभाव को कम किया जा सके।