Homeउत्तराखण्डचूहों के कुतरे 130 साल पुराने ऐतिहासिक नक्शों को मिला नया स्वरूप

चूहों के कुतरे 130 साल पुराने ऐतिहासिक नक्शों को मिला नया स्वरूप

नैनीताल की ऐतिहासिक धरोहरों में से एक, 130 वर्ष पुराना नक्शा, अब एक नए स्वरूप में लोगों के सामने आ चुका है. अंग्रेजी शासनकाल के दौरान बनाए गए इस नक्शे को कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत की पहल पर संरक्षित और पुनर्स्थापित किया गया है. जीबी स्कौट द्वारा वर्ष 1895 में तैयार किए गए इस नक्शे को लंबे समय से कमिश्नरी के रिकॉर्ड रूम में रखा गया था, जहां समय के साथ यह दीमकों और चूहों का शिकार हो गया.

रिकॉर्ड रूम में मिला ऐतिहासिक खजाना

वर्ष 2023 में जब कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने रिकॉर्ड रूम का निरीक्षण किया, तब उन्हें वहां कई पुराने और ऐतिहासिक नक्शे मिले, जो काफी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में थे. उनमें से एक नक्शा नैनीताल का था, जो ब्रिटिश काल में बने महत्वपूर्ण भवनों और संवेदनशील क्षेत्रों को दर्शाता था.

आयुक्त रावत ने इस नक्शे को बचाने और पुनर्जीवित करने का निर्णय लिया. उन्होंने ‘हिमशाको’ नामक संस्था से संपर्क किया, जिसके विशेषज्ञों ने करीब छह महीने की मेहनत के बाद इस नक्शे को नया जीवन दिया. नक्शे की मरम्मत के बाद इसे न सिर्फ कमिश्नरी परिसर में डिस्प्ले किया गया, बल्कि इसकी डिजिटल कॉपी भी तैयार कर सोशल मीडिया पर साझा की गई है.

1895 का नक्शा भी बताता था संवेदनशील क्षेत्र

यह नक्शा सिर्फ एक चित्र नहीं, बल्कि नैनीताल के शहरी इतिहास का जीवंत दस्तावेज है. 1895 में तैयार किए गए इस नक्शे में कमिश्नरी, डीएम कार्यालय, स्कूल और अन्य महत्वपूर्ण भवनों के साथ नगर के पांच क्षेत्रों को संवेदनशील घोषित किया गया था. इससे पता चलता है कि नैनीताल की भौगोलिक और पर्यावरणीय संवेदनशीलता की जानकारी तब भी मौजूद थी.

और नक्शों को भी मिलेगा नया स्वरूप

कुमाऊं आयुक्त की ओर से यह पहल केवल एक नक्शे तक सीमित नहीं है. रिकॉर्ड रूम में रखे अन्य ऐतिहासिक नक्शों को भी क्रमशः संरक्षित कर डिस्प्ले में लाया जाएगा. यह न केवल धरोहरों को संरक्षित रखने का कार्य है, बल्कि वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों को इतिहास से जोड़ने का एक सराहनीय प्रयास है.

अमर उजाला में छपी संदीप कुमार की रपट में कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने कहा कि जीर्ण पड़े नक्शे को नया स्वरूप मिल चुका है. यह नक्शे हमारे लिए ऐतिहासिक धरोहर हैं. इन्हें सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है. नक्शे की डिजिटल कॉपी भी तैयार की गई है.

अमर उजाला में छपी रपट के आधार पर