भारत में मानसून का इंतज़ार खत्म हो गया है! शनिवार (24 मई, 2025) को दक्षिण-पश्चिम मानसून ने केरल में दस्तक दे दी है, जो अपने सामान्य आगमन की तारीख से काफी पहले है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि आज ही तमिलनाडु और कर्नाटक के कई इलाकों में भी मानसून के पहुंचने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, पिछले 16 साल में यह पहली बार है जब मानसून इतनी जल्दी भारत पहुंचा है, जिसने पिछले रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
देशभर में मौसम का मिजाज: एक तरफ बारिश, दूसरी ओर गर्मी का सितम
मानसून के आगमन के साथ ही IMD ने देश के 20 से अधिक राज्यों में झमाझम बारिश की चेतावनी जारी की है। हालांकि, देश के कुछ हिस्सों में अभी भी भीषण गर्मी का दौर जारी रहेगा।
इन राज्यों में आंधी-बारिश का अलर्ट: भारतीय मौसम विभाग ने शनिवार (24 मई, 2025) को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, बिहार, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड में आंधी-बारिश का अलर्ट जारी किया है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में ओले गिरने की भी संभावना है। इन राज्यों में भारी बारिश और तेज़ हवाओं के साथ-साथ बिजली गिरने की भी आशंका है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
कुछ राज्यों में जारी रहेगी भीषण गर्मी: हालांकि, मानसून की दस्तक के बावजूद, देश के कई हिस्सों में अभी भी भीषण गर्मी का प्रकोप जारी रहेगा। खासकर उत्तर भारत के कुछ मैदानी इलाकों में तापमान सामान्य से ऊपर बना रह सकता है, जिससे हीटवेव जैसी स्थिति बनी रहेगी। मौसम विभाग ने लोगों को गर्मी से बचने के लिए आवश्यक सावधानी बरतने की सलाह दी है।
मानसून ने तोड़ा 16 साल का रिकॉर्ड: सामान्य से 8 दिन पहले आया
सामान्यतः मानसून 1 जून को केरल पहुंचता है और 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है। इसके बाद, यह 17 सितंबर के आसपास वापस लौटना शुरू करता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस चला जाता है। लेकिन, इस बार मानसून ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। 24 मई, 2025 को केरल में मानसून का आगमन पिछले 16 साल में सबसे जल्दी है।
• 2024 में: मानसून 30 मई को केरल पहुंचा था, जो सामान्य से एक दिन पहले था।
• 2009 में: 16 साल पहले, 2009 में मानसून 23 मई को केरल पहुंचा था, जो इस बार के आगमन से सिर्फ एक दिन पहले था।
• 2001 में: इससे पहले 2001 में भी मानसून 23 मई को ही पहुंचा था।
• 1918 में: केरल में सबसे जल्दी मानसून आगमन का एकमात्र मामला 1918 का है, जब मानसून ने 11 मई को दस्तक दे दी थी।
• सबसे अधिक देरी: पिछले 25 वर्षों में सबसे अधिक देरी से मानसून का आगमन 2016 में हुआ था, जब मानसून ने 9 जून को केरल में प्रवेश किया था।
तटीय केरल में भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने मानसून के आगमन को देखते हुए केरल के कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। अगले 24 घंटों में 20 सेमी से अधिक बारिश होने की संभावना है, जिससे निचले इलाकों में जलभराव और भूस्खलन जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
यह जल्दी आगमन देश की कृषि अर्थव्यवस्था के लिए एक शुभ संकेत माना जा रहा है, क्योंकि भारत की अधिकांश कृषि मानसून पर निर्भर करती है। हालांकि, इसके साथ ही अचानक और तेज़ बारिश से होने वाले नुकसान से बचने के लिए भी सतर्क रहने की आवश्यकता है। आने वाले दिनों में देश के अन्य हिस्सों में मानसून की प्रगति पर मौसम विभाग की नज़र बनी रहेगी।