पिथौरागढ़। भारत–नेपाल सीमा पर स्थित जौलजीबी और आसपास के क्षेत्रों में लंबे समय से चल रही सड़क समस्या ने आखिरकार बड़ा राजनीतिक रूप ले लिया है। जौलजीबी मेले के दौरान स्थानीय विधायक ने सड़क निर्माण और मरम्मत में हो रही देरी पर कड़ा विरोध जताते हुए आत्मदाह की धमकी दे डाली। इससे प्रशासन और राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया है।
सीमा सड़क की बदहाल स्थिति से लोग परेशान
जौलजीबी, झूलाघाट और आसपास के सीमांत गांवों में सड़क की हालत बेहद खराब बताई जा रही है। कई स्थानों पर सड़क टूट चुकी है, जिससे लोगों को रोजाना जान जोखिम में डालकर आवागमन करना पड़ता है। आपातकालीन सेवाएं भी समय पर नहीं पहुंच पातीं। स्थानीय जनता पिछले कई वर्षों से झूलाघाट–जौलजीबी सड़क के चौड़ीकरण, मरम्मत और सुरक्षा दीवारों के निर्माण की मांग कर रही है।
जौलजीबी मेले में विधायक का फूटा गुस्सा
जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जौलजीबी मेले के दौरान मंच पर थे, उसी दौरान विधायक ने सड़क समस्या को सबसे गंभीर बताते हुए कहा कि—
“यदि जौलजीबी–झूलाघाट सड़क समस्या का जल्द समाधान नहीं किया गया तो मैं आत्मदाह के लिए मजबूर हो जाऊँगा। सरकार की प्राथमिकता में सीमांत क्षेत्रों की समस्याएँ क्यों नहीं आतीं?”
विधायक का कहना था कि क्षेत्र के 80–90 गांवों की ज़िंदगी सड़क की बदहाली पर निर्भर है और इतना महत्वपूर्ण मुद्दा वर्षों से लंबित है।
सीएम ने आश्वासन दिया, प्रक्रिया तेज करने के निर्देश
विधायक की चेतावनी के बाद मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को तुरंत रिपोर्ट तैयार करने और सड़क सुधार कार्यों की प्रगति तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीमांत क्षेत्र संवेदनशील हैं और वहां की समस्याओं को हर हाल में प्राथमिकता दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने जौलजीबी मेले के शुभारंभ पर जनता से भी संवाद किया और कहा कि सीमा क्षेत्रों के विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
स्थानीय जनता में उम्मीद और चिंता दोनों
विधायक के बयान ने लोगों में एक तरफ चिंता पैदा की है, वहीं दूसरी ओर उम्मीद भी जगी है कि अब सरकार तेजी से ठोस कदम उठाएगी। कई सामाजिक संगठनों ने कहा है कि सड़क समस्या वर्षों पुरानी है, और यदि अब भी समाधान नहीं हुआ तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।
फिलहाल, राजनीति और प्रशासन दोनों इस मामले पर सतर्क हो गए हैं, और आने वाले दिनों में कोई निर्णायक कदम उठाए जाने की संभावना है।


