(Uttarakhand Tourism Promotion in Mauritius)
देहरादून: उत्तराखंड के पर्यटन (Tourism of Uttarakhand) की लोकप्रियता अब समुद्र पार मॉरिशस (Mauritius) तक पहुंच रही है। मॉरिशस सरकार चाहती है कि उत्तराखंड अपने पर्यटन स्थलों का प्रचार-प्रसार वहां के लोगों के बीच करे। इसके लिए भारतीय उच्चायोग, मॉरिशस (Indian High Commission, Mauritius) ने उत्तराखंड सरकार को एक पत्र भेजा है, जिसमें राज्य से आग्रह किया गया है कि वह मॉरिशस में रोड शो (Roadshow in Mauritius) और अन्य प्रचारात्मक गतिविधियों का आयोजन करे।
राज्य के पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह पत्र मॉरिशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम (Navin Ramgoolam) की हाल की उत्तराखंड यात्रा के बाद आया है। अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री रामगुलाम ने राज्य के पर्यटन प्रबंधन (Tourism Management in Uttarakhand) की सराहना की थी और आशा व्यक्त की थी कि भविष्य में अधिक मॉरिशसवासी (Mauritians) यहां आना पसंद करेंगे।
अधिकारियों के अनुसार, अपने लौटने के बाद मॉरिशस के प्रधानमंत्री ने भारतीय उच्चायोग से अनुरोध किया कि वह चारधाम यात्रा (Char Dham Yatra) और हिमालयी पर्यटन (Himalayan Tourism) को मॉरिशस में बढ़ावा दे। भारतीय उच्चायोग ने अपने पत्र में सुझाव दिया कि उत्तराखंड सरकार मॉरिशस में पर्यटन रोड शो आयोजित करे, ताकि वहां के टूर ऑपरेटर, ट्रैवल एजेंट्स, सांस्कृतिक संगठन और आम जनता के साथ सीधे संवाद का अवसर मिल सके।

मॉरिशस के लोग आध्यात्मिक रूप से भारत से जुड़े
पत्र में कहा गया है कि मॉरिशस एक उच्च-मध्यम आय वाला देश (Upper-Middle Income Country) है, जिसकी प्रति व्यक्ति आय लगभग 12,000 अमेरिकी डॉलर है। वहां के यात्री आर्थिक रूप से सक्षम और आध्यात्मिक तथा सांस्कृतिक अनुभवों (Spiritual and Cultural Tourism) के प्रति अत्यंत उत्सुक हैं। उत्तराखंड के चारधाम – बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री उनके लिए जीवन में एक बार होने वाली आध्यात्मिक यात्रा (Once-in-a-Lifetime Pilgrimage) का अवसर प्रदान करते हैं।
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि रोड शो का आयोजन संभव न हो, तो उत्तराखंड सरकार प्रचार सामग्रियां (Promotional Materials) भारतीय उच्चायोग को उपलब्ध कराए, जिन्हें मॉरिशस में प्रचार अभियानों में प्रयोग किया जा सके।
हरिद्वार और ऋषिकेश – मॉरिशसवासियों के बीच आस्था के केंद्र
भारतीय उच्चायोग ने अपने पत्र में लिखा कि मॉरिशस के हिंदू समुदाय (Mauritian Hindus) के लिए उत्तराखंड के चारधाम तीर्थों का गहरा धार्मिक महत्व है। हाल के वर्षों में चारधाम यात्रा (Char Dham Yatra) की बढ़ती लोकप्रियता और बेहतर बुनियादी ढांचे (Infrastructure) ने मॉरिशस के श्रद्धालुओं का ध्यान और भी आकर्षित किया है।
हरिद्वार (Haridwar) और ऋषिकेश (Rishikesh) जैसे पवित्र नगरों की गंगा आरती (Ganga Aarti), योग (Yoga), वेलनेस परंपराएं (Wellness Traditions) और हिमालय तक की पहुंच वहां के लोगों के लिए अत्यंत प्रेरणादायक हैं।
भारत-मॉरिशस के सांस्कृतिक रिश्ते
पत्र के अनुसार, भारत और मॉरिशस के बीच एक विशेष सांस्कृतिक संबंध (Cultural Bond) है। लगभग 70 प्रतिशत मॉरिशस की आबादी भारतीय मूल की है। हर वर्ष करीब 30,000 मॉरिशसवासी भारत की यात्रा (Mauritian Tourists to India) करते हैं – जिनका उद्देश्य पर्यटन (Tourism), शिक्षा (Education), व्यापार (Business) और सबसे महत्वपूर्ण – तीर्थ यात्रा (Pilgrimage) होता है।
उत्तराखंड सरकार के लिए यह एक सुनहरा अवसर (Golden Opportunity) है कि वह मॉरिशस के साथ अपने आध्यात्मिक और प्राकृतिक पर्यटन (Spiritual and Nature Tourism) को जोड़ते हुए नए संभावित पर्यटकों को आकर्षित करे।


