शिवभक्तों के लिए आज का दिन ऐतिहासिक बन गया है। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित पवित्र केदारनाथ धाम के कपाट आज सुबह विधिवत पूजन के साथ खोल दिए गए। श्रद्धालुओं के जयकारों से धाम गूंज उठा, वहीं पूरे परिसर को 13 क्विंटल फूलों से सजाकर स्वर्ग जैसा दृश्य बना दिया गया।
सुबह 6:20 बजे खुले कपाट, अंखड ज्योति के दर्शन से भक्ति चरम पर
कपाट खुलते ही श्रद्धालु मंदिर के अंदर जल रही अखंड ज्योति के दर्शन कर भाव-विभोर हो उठे। इसके बाद भव्य रुद्राभिषेक, शिव तांडव स्तोत्र, शिवाष्टक और केदाराष्टक का पाठ हुआ। इस विशेष अनुष्ठान की अगुवाई कर्नाटक के वीरशैव लिंगायत परंपरा के मुख्य रावल भीमशंकर जी ने की।
भीष्म श्रृंगार की परंपरा: शिवलिंग पर छह महीने बाद पहली बार गंगाजल स्नान
कपाट खुलने के बाद बाबा केदार का भीष्म श्रृंगार हटाया गया, जिसमें लगभग आधे घंटे लगे। इसे हटाने की प्रक्रिया बेहद अनूठी है—पहले मौसमी फल और सूखे मेवों का ढेर हटाया गया, फिर रुद्राक्ष की माला, कॉटन का वस्त्र, और जमी हुई घी की परत धीरे-धीरे हटाई गई। इसके बाद शिवलिंग को गोमूत्र, दूध, शहद और पंचामृत से स्नान कराकर फिर से पुष्पों और चंदन से श्रृंगारित किया गया।
केदारनाथ धाम को फूलों की चादर से सजाया गया
मंदिर परिसर को सजाने में इस बार भी कोई कसर नहीं छोड़ी गई। गुजरात, बंगाल, कर्नाटक, दिल्ली, पंजाब, बिहार, मध्य प्रदेश और यहां तक कि थाईलैंड, श्रीलंका और नेपाल से फूल मंगवाए गए। 45 किस्मों के फूलों से सजा केदारनाथ मंदिर ड्रोन से देखने पर स्वर्गिक प्रतीत हो रहा है। इस सजावट में बंगाल के 50 अनुभवी कलाकारों ने हिस्सा लिया।
हजारों श्रद्धालु पहुंचे धाम, टोकन सिस्टम से दर्शन
इस समय करीब 2,500 श्रद्धालु केदारनाथ धाम में मौजूद हैं। दर्शन को व्यवस्थित रखने के लिए टोकन सिस्टम लागू किया गया है, जिसमें टाइम-स्लॉट और दर्शन नंबर लिखा है। दर्शन पूरी तरह नि:शुल्क हैं लेकिन नियोजित हैं, ताकि भीड़ नियंत्रण में रहे।
CM धामी पहुंचे केदारनाथ, व्यवस्थाओं का जायजा लिया
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सुबह-सवेरे पत्नी के साथ केदारनाथ पहुंचे। उन्होंने लाइन में लगे श्रद्धालुओं से बातचीत की और आश्वासन दिया कि यात्रा के दौरान किसी को असुविधा नहीं होने दी जाएगी। “हमारी सरकार का उद्देश्य है कि श्रद्धालुओं को सुरक्षित, व्यवस्थित और दिव्य अनुभव मिले,” मुख्यमंत्री ने कहा।
हेलिकॉप्टर सेवा भी शुरू, मौसम पर निर्भर
केदारनाथ पहुंचने के लिए हेलिकॉप्टर सेवा भी शुरू हो गई है, जो सोनप्रयाग से चलेगी। प्रतिदिन 20 से 30 उड़ानों के जरिए 150 से ज्यादा तीर्थयात्रियों को पहुंचाया जा रहा है। टिकट बुकिंग IRCTC से ऑनलाइन की जा सकती है, जबकि ऑफलाइन टिकट जिला कार्यालय से उपलब्ध हैं। हालांकि, मौसम खराब होने पर सेवाएं रद्द कर दी जाएंगी।
चारधाम यात्रा में इस बार नया रिकॉर्ड संभव
30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा की शुरुआत हो चुकी है। अब तक 23 लाख से अधिक श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन कर चुके हैं। अकेले केदारनाथ के लिए 7.30 लाख लोग पंजीकृत हैं। यह आंकड़ा पिछले वर्ष के 19.50 लाख श्रद्धालुओं को पार कर सकता है।
4 मई को खुलेंगे बद्रीनाथ धाम के कपाट
चारधाम का चौथा और अंतिम प्रमुख धाम बद्रीनाथ के कपाट 4 मई को खुलेंगे। वहां भी सुरक्षा, ट्रैफिक और भीड़ नियंत्रण की व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। DGP दीपम सेठ और ADG वी मुरुगेश ने खुद व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया।
श्रद्धालुओं की श्रद्धा बनी रही—रात से ही लगी रही लाइनें
रिपोर्ट के मुताबिक, कई श्रद्धालु रात 10 बजे से ही लाइन में लगे हुए थे। हालांकि इस बार पहले दिन की भीड़ अपेक्षाकृत कम रही—गौरीकुंड में 1500 में से 1100 कमरे ही भरे हुए थे। लेकिन अनुमान है कि जून से अगस्त तक मौसम अनुकूल रहा तो 25 लाख से अधिक श्रद्धालु केदारनाथ पहुंच सकते हैं।