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ISI big conspiracy failed : ISI की बड़ी साजिश नाकाम, दिल्ली को दहलाना चाहता था आतंकी संगठन, गुप्त ऑपरेशन में दो एजेंट गिरफ्तार

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) की भारत को दहलाने की एक बड़ी साजिश को केंद्रीय एजेंसियों ने नाकाम कर दिया है। एक गुप्त ऑपरेशन के तहत दिल्ली में ISI के स्लीपर सेल नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए दो एजेंटों को गिरफ्तार किया गया है। इन गिरफ्तारियों और नेपाली मूल के एक एजेंट द्वारा किए गए चौंकाने वाले खुलासों से पता चला है कि ISI भारत में एक बड़ा आतंकी हमला करने की योजना बना रही थी।

गुप्त ऑपरेशन ‘अंसारुल’ और उसकी गिरफ्तारी

केंद्रीय एजेंसियों ने जनवरी 2025 से मार्च 2025 तक एक उच्च-स्तरीय गुप्त ऑपरेशन चलाया। इसी ऑपरेशन के दौरान, एक नेपाली मूल के एजेंट अंसारुल मियां अंसारी को 15 फरवरी को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। जानकारी के अनुसार, अंसारुल उस समय पाकिस्तान भागने की फिराक में था। उसकी गिरफ्तारी के बाद की पूछताछ में उसने कई चौंकाने वाले खुलासे किए, जिनसे भारत में एक बड़े आतंकी हमले की ISI की योजना का पर्दाफाश हुआ।

गोपनीय दस्तावेज़ों की बरामदगी

केंद्रीय जांच एजेंसी जिसमें दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल भी शामिल थी। दिल्ली में फैले ISI के इस स्लीपर सेल नेटवर्क को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया। गिरफ्तार एजेंट अंसारुल मियां अंसारी के पास से भारतीय सेना और सशस्त्र बलों से जुड़े कई गोपनीय दस्तावेज़ बरामद हुए। इन दस्तावेज़ों की फोरेंसिक जांच ने पुष्टि की कि ये बेहद संवेदनशील थे। अंसारुल को ये दस्तावेज़ सीडी के रूप में पाकिस्तान भेजने के निर्देश मिले थे, जो ISI की भारत के खिलाफ खुफिया जानकारी जुटाने की गहरी साजिश को दर्शाता है।

अंसारुल के खुलासे- ISI का ब्रेनवॉश और भारत में घुसपैठ

पूछताछ के दौरान अंसारुल ने अपनी पूरी कहानी बयां की। उसने बताया कि वह पहले कतर में एक कैब ड्राइवर के रूप में काम करता था। वहीं उसकी मुलाकात एक ISI हैंडलर से हुई। इसके बाद, ISI के लोग अंसारुल को पाकिस्तान ले गए, जहां उसका ब्रेनवॉश किया गया और उसे भारत के खिलाफ जासूसी और आतंकी गतिविधियों के लिए तैयार किया गया। ब्रेनवॉश के बाद, अंसारुल नेपाल के रास्ते दिल्ली आया, ताकि ISI की बड़ी साजिश को अंजाम दे सके।

रांची से अखलाख आजम की गिरफ्तारी

अंसारुल से मिली महत्वपूर्ण जानकारी के आधार पर, केंद्रीय एजेंसियों ने तेजी से कार्रवाई करते हुए रांची से अखलाख आजम को गिरफ्तार किया। अखलाख आजम ISI की इस साजिश को अंजाम देने में अंसारुल की मदद कर रहा था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि ISI का नेटवर्क भारत के विभिन्न हिस्सों में फैला हुआ है। इन गिरफ्तारियों से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को ISI की कार्यप्रणाली और उसके भारतीय नेटवर्क को समझने में महत्वपूर्ण सफलता मिली है।

पहलगाम हमले से कनेक्शन

हालांकि इस ऑपरेशन का मुख्य ध्यान दिल्ली में ISI के स्लीपर सेल नेटवर्क को ध्वस्त करना था, लेकिन इन गिरफ्तारियों से 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से पहले ISI की गतिविधियों पर भी प्रकाश पड़ता है। जांच एजेंसियां इस बात की भी पड़ताल कर रही हैं कि क्या इस नेटवर्क का पहलगाम हमले से कोई सीधा या अप्रत्यक्ष संबंध था, क्योंकि ISI ने भारत में एक बड़ा आतंकी हमला करने की योजना बनाई थी।

राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ी जीत

यह ऑपरेशन भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ी सफलता है। केंद्रीय एजेंसियों की मुस्तैदी और उनके गुप्त ऑपरेशन ने ISI की भारत विरोधी साजिशों को समय रहते नाकाम कर दिया। इस प्रकार के स्लीपर सेल नेटवर्क का भंडाफोड़ करना देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। गिरफ्तार किए गए एजेंटों से मिलने वाली आगे की जानकारी से ISI के भारत में फैले नेटवर्क और उसकी भविष्य की योजनाओं पर और भी प्रकाश पड़ने की उम्मीद है। सुरक्षा एजेंसियां इस मामले की तह तक जाने और ISI के सभी स्लीपर सेल्स को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।