मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज संपन्न हुई उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जो राज्य के विकास और जनता के कल्याण के लिए मील का पत्थर साबित होंगे। कुल 11 प्रस्तावों पर मुहर लगी, जिनमें उत्तराखंड की पहली योग नीति और कर्मचारियों, पेंशनरों व उनके आश्रितों के लिए गोल्डन कार्ड पर कैशलेस इलाज की नई व्यवस्था प्रमुख हैं। इन फैसलों से न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा, बल्कि स्थानीय रोजगार और औद्योगिक विकास को भी नई गति मिलेगी।
वित्त एवं प्रोक्योरमेंट में बड़े संशोधन: स्थानीय रोजगार पर जोर
कैबिनेट ने उत्तराखंड अधिप्राप्ति नियमावली 2017 में संशोधन को मंजूरी दी है, जिसका सीधा उद्देश्य स्थानीय लोगों को रोजगार के अधिक अवसर प्रदान करना है। ये संशोधन कई मायनों में महत्वपूर्ण हैं:
• स्थानीय ठेकेदारों को प्रोत्साहन: विभिन्न विभागों में पहले 5 करोड़ रुपये तक के काम स्थानीय ठेकेदारों के माध्यम से किए जाते थे। अब इस सीमा को बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये कर दिया गया है। यह फैसला राज्य के छोटे और मध्यम स्तर के ठेकेदारों के लिए बड़े अवसर पैदा करेगा।
• श्रेणीवार सीमा में वृद्धि: ई श्रेणी के पंजीकृत ठेकेदार और डी श्रेणी के पंजीकृत ठेकों की वित्तीय सीमा में भी वृद्धि की गई है, जिससे वे बड़े प्रोजेक्ट्स में भी भागीदारी कर सकेंगे।
• स्वयं सहायता समूहों को सशक्तिकरण: राज्य सरकार ने स्वयं सहायता समूहों (Self Help Groups) को 5 लाख रुपये तक के कार्य सीधे तौर पर देने का प्रावधान किया है। यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा और महिलाओं सहित स्थानीय समुदायों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा।
• एमएसएमई (MSME) को प्राथमिकता: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रावधान किया गया है। यदि कोई एमएसएमई इकाई लोवेस्ट टेंडर से 10% अधिक तक का प्रस्ताव देती है, तो उसे प्राथमिकता दी जाएगी। यह स्थानीय उद्योगों को प्रतिस्पर्धी बनाने और उन्हें सरकारी खरीद में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करेगा।
• पारदर्शी ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया: प्रोक्योरमेंट के गैर-कंसल्टेंसी वाले कामों में भी पारदर्शिता लाने के लिए नियमों में बदलाव किया गया है। टेंडर की सिक्योरिटी राशि को अब ऑनलाइन जमा करने की सुविधा बैंक से ईबीजी (Electronic Bank Guarantee) के माध्यम से दी जाएगी, जिससे कागजी काम कम होगा और प्रक्रिया तेज होगी।
• शिकायत निवारण तंत्र: टेंडर प्रक्रिया से संबंधित किसी भी शिकायत के लिए IFMS पोर्टल पर एक ग्रीवांस रिड्रेसल (शिकायत निवारण) व्यवस्था स्थापित की जाएगी। इससे शिकायतों का समय पर और पारदर्शी तरीके से निपटारा हो सकेगा। जेम (GeM) पोर्टल का उपयोग भी बढ़ाया जाएगा, जिससे सरकारी खरीद में और अधिक पारदर्शिता आएगी।
औद्योगिक विकास को नई गति: ‘मेगा इंडस्ट्रियल नीति’ को मंजूरी
उत्तराखंड के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कैबिनेट ने उत्तराखंड मेगा इंडस्ट्रियल की नई नीति को मंजूरी दी है। यह नीति आगामी पांच साल के लिए होगी और उद्योगों को उनकी निवेश राशि और रोजगार सृजन के आधार पर चार श्रेणियों में बांटा गया है:
• लार्ज (Large) श्रेणी: 50 करोड़ से 200 करोड़ रुपये तक के निवेश वाली परियोजनाएं, जिनमें कम से कम 50 स्थायी रोजगार सृजित होंगे। इन उद्योगों को 10% सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
• अल्ट्रा लार्ज (Ultra Large) श्रेणी: 200 करोड़ से 500 करोड़ रुपये तक के निवेश वाली परियोजनाएं, जिनके लिए 150 स्थायी रोजगार सृजित करना अनिवार्य होगा। इन्हें 15% सब्सिडी मिलेगी।
• मेगा (Mega) श्रेणी: 500 करोड़ से 1000 करोड़ रुपये तक के निवेश वाली योजनाएं, जिनमें 300 स्थायी रोजगार सृजित करना आवश्यक होगा।
• अल्ट्रा मेगा (Ultra Mega) श्रेणी: 1000 करोड़ रुपये से ऊपर के निवेश वाली परियोजनाएं, जिनके लिए कम से कम 509 स्थायी रोजगार सृजित करना अनिवार्य होगा।
यह नीति बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित करने और राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार: गोल्डन कार्ड और मेडिकल कॉलेज व्यवस्था
कैबिनेट ने स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए भी कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं:
• गोल्डन कार्ड की नई व्यवस्था: कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके आश्रितों को गोल्डन कार्ड पर कैशलेस इलाज के लिए एक नई और प्रभावी व्यवस्था को मंजूरी दी गई है। इससे इलाज की प्रक्रिया आसान और सुलभ होगी।
• अटल आयुष्मान योजना को ऋण: अटल आयुष्मान योजना के तहत अस्पतालों को भुगतान सुनिश्चित करने के लिए 75 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया है। सरकार इस संबंध में एक नई नीति भी लाएगी, जिसके लिए हितधारकों से व्यापक चर्चा की जाएगी।
• तीमारदारों के लिए सस्ती व्यवस्था: देहरादून और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में मरीजों के तीमारदारों के लिए एक विशेष व्यवस्था की जाएगी। एम्स ऋषिकेश की तर्ज पर, किसी संस्था के माध्यम से उनके रहने और खाने की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए जमीन भी उपलब्ध कराई जाएगी और यह सुविधा बेहद सस्ती दरों पर उपलब्ध होगी, जिससे दूर-दराज से आने वाले मरीजों के परिजनों को बड़ी राहत मिलेगी।
योग को बढ़ावा: उत्तराखंड की पहली योग नीति
राज्य की संस्कृति और स्वास्थ्य परंपरा को ध्यान में रखते हुए, कैबिनेट ने उत्तराखंड की पहली योग नीति को मंजूरी दी है। इस नीति के तहत:
• पांच नए योग हब: राज्य में पांच नए योग हब स्थापित किए जाएंगे, जिससे योग को बढ़ावा मिलेगा और पर्यटन को भी नई दिशा मिलेगी।
• सब्सिडी का प्रावधान: पहाड़ी क्षेत्रों में योग संस्थानों को 50% तक और मैदानी क्षेत्रों में 25% तक सब्सिडी दी जाएगी, ताकि अधिक से अधिक संस्थान स्थापित हो सकें।
• योग शिक्षकों को प्रोत्साहन: योग को बढ़ावा देने के लिए संस्थानों के योग शिक्षकों को 250 रुपये की प्रतिपूर्ति दी जाएगी, जिससे उनकी सेवाओं को मान्यता मिलेगी।
अन्य महत्वपूर्ण कैबिनेट फैसले
• मिथाइल अल्कोहल का नियमन: उत्तराखंड विष कब्जा एवं विक्रय नियमावली के तहत मिथाइल अल्कोहल को शामिल करने पर मंजूरी दी गई है, जिससे इसके गलत इस्तेमाल पर रोक लगेगी।
• लेखा संवर्ग नियमावली: राजकीय विभाग अधीनस्थ लेखा संवर्ग नियमावली में लेखा संवर्ग की पूर्व की व्यवस्था जारी रहेगी।
• राज्य बाल सुरक्षा संगठन की रिपोर्ट: राज्य बाल सुरक्षा संगठन की रिपोर्ट सदन में रखने पर मुहर लगाई गई है, जिससे बाल सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा और कार्रवाई हो सके।
• उत्तराखंड सेवा क्षेत्र नीति 2024: इस नीति को मंजूरी दी गई है। इसके तहत, जहां पहले से सेवा क्षेत्र वाले संस्थान हैं, वहां सब्सिडी नहीं मिलेगी। सब्सिडी केवल उन क्षेत्रों में दी जाएगी जहां सेवा क्षेत्र के संस्थान नहीं हैं, ताकि संतुलित विकास को बढ़ावा मिले।
• चाय विकास बोर्ड में पद सृजन: उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड के ढांचे में 11 नए पदों के सृजन को मंजूरी मिली है, जिससे राज्य में चाय उत्पादन और विकास को गति मिलेगी।
मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में लिए गए ये फैसले उत्तराखंड को एक प्रगतिशील और समृद्ध राज्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होंगे, जिससे रोजगार सृजन, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और पर्यावरणीय संतुलन को बढ़ावा मिलेगा।