जिस सड़क को ठीक कराने के लिए सांसद से लेकर मंडलायुक्त तक ने मौके पर दौरा किया और शासन स्तर पर बैठकों के बाद 1.87 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत कराई, उसी चोरगलिया रोड के निर्माण कार्य पर अब वन विभाग ने रोक लगा दी है। नतीजतन, यह अहम सड़क मरम्मत शुरू होते ही फिर अधर में लटक गई है।
क्या है मामला?
पिछले वर्ष भारी बारिश के दौरान बनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे क्रॉसिंग के समीप चोरगलिया रोड का एक बड़ा हिस्सा गौला नदी में समा गया था। इससे गौलापार और चोरगलिया क्षेत्र के हजारों लोगों की आवाजाही ठप हो गई थी। हालात की गंभीरता को देखते हुए सांसद अजय भट्ट और मंडलायुक्त दीपक रावत ने निरीक्षण कर सड़क की मरम्मत के निर्देश दिए थे।
सरकार ने देर से ही सही, कार्य के लिए 1.87 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए। लेकिन जैसे ही लोनिवि (लोक निर्माण विभाग) ने बीते सोमवार को पोकलेन मशीनें लगाकर कार्य शुरू किया, वन विभाग ने आपत्ति जताते हुए कार्य रुकवा दिया। वजह ये बताई गई कि लोनिवि ने गौला नदी क्षेत्र में कार्य के लिए एनओसी नहीं ली थी।अब कार्यदायी संस्था वन विभाग से अनुमति लेने के प्रयास में जुटी है। बिना एनओसी के कार्य आगे नहीं बढ़ सकता।
तीन जिलों को जोड़ने वाली लाइफलाइन है यह सड़क
यह सड़क सिर्फ गौलापार क्षेत्र के गांवों के लिए ही नहीं, बल्कि ऊधमसिंह नगर, चंपावत और पिथौरागढ़ जिलों के निवासियों के लिए भी पहाड़ से जुड़ने का एकमात्र मुख्य मार्ग है। पिछले एक साल से सड़क की हालत बदतर बनी हुई है और ग्रामीण कई बार प्रदर्शन भी कर चुके हैं।
बरसात में और बिगड़ सकते हैं हालात
यदि मरम्मत कार्य जल्द शुरू नहीं हुआ तो इस बरसात में फिर से सड़क के बड़े हिस्से के नदी में समा जाने का खतरा बना हुआ है। इससे क्षेत्र के लोगों को एक बार फिर आवागमन में बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।फिलहाल लोनिवि और जिला प्रशासन वन विभाग से अनुमति लेने के लिए प्रयास कर रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही अनुमति मिल जाएगी और सड़क की मरम्मत दोबारा शुरू हो सकेगी।