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सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों की बल्ले-बल्ले : DA में बंपर बढ़ोतरी, नए साल से लागू, CM धामी ने दी मंजूरी

उत्तराखंड के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। राज्य सरकार ने महंगाई भत्ते (डीए) में उल्लेखनीय वृद्धि का आदेश जारी कर दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संबंध में शुक्रवार को ही अपनी स्वीकृति दे दी थी। यह बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता इस साल की शुरुआत यानी 1 जनवरी 2025 से प्रभावी होगा।

वित्त विभाग की अपर सचिव अमिता जोशी द्वारा जारी आदेश के अनुसार, अब राज्य के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को प्रतिमाह 55 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता मिलेगा। इससे पहले, पहली जुलाई से कर्मचारियों और पेंशनरों को 53 प्रतिशत की दर से डीए का भुगतान किया जा रहा था। इस वृद्धि से राज्य के लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को आर्थिक रूप से राहत मिलेगी।

यूजीसी वेतनमानों में कार्यरत पदधारकों को भी वृद्धि का फायदा मिलेगा

इस महंगाई भत्ते का लाभ राज्य सरकार के नियमित और पूर्णकालिक कर्मचारियों के साथ-साथ सहायता प्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, शहरी स्थानीय निकायों के कर्मचारियों और कार्य प्रभारित कर्मचारियों को भी मिलेगा। इसके अतिरिक्त, यूजीसी वेतनमानों में कार्यरत पदधारकों को भी इस वृद्धि का फायदा मिलेगा। हालांकि, यह आदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों, उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों, तथा सार्वजनिक उपक्रमों आदि के कर्मचारियों पर स्वतः लागू नहीं होगा। इन श्रेणियों के कर्मचारियों के संबंध में संबंधित विभाग अलग से आदेश जारी करेंगे।

भुगतान नियमित रूप से उनके वेतन में शामिल करके किया जाएगा

कर्मचारियों और पेंशनरों को 1 जनवरी 2025 से 30 अप्रैल 2025 तक के बढ़े हुए महंगाई भत्ते का एरियर (बकाया राशि) नकद रूप में भुगतान किया जाएगा। इसके बाद, 1 मई 2025 से महंगाई भत्ते का भुगतान नियमित रूप से उनके वेतन में शामिल करके किया जाएगा। अंशदायी पेंशन योजना (Contributory Pension Scheme) से जुड़े कर्मचारियों के मामले में, उनके पेंशन अंशदान और नियोक्ता के समान अंशदान को नई पेंशन योजना से संबंधित खाते में जमा किया जाएगा, जबकि शेष राशि का भुगतान उन्हें नकद में किया जाएगा।

राज्य सरकार का यह फैसला कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता के रूप में सामने आया है, खासकर बढ़ती हुई महंगाई के इस दौर में। इस वृद्धि से कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा और वे अधिक उत्साह के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकेंगे।