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आग का तांडव : नैनीताल जिले में 24 घंटे में .90 हेक्टेयर जंगल जलकर राख, हनुमानगढ़ में आग पर नहीं पाया गया काबू

उत्तराखंड के नैनीताल जिले में वनाग्नि से मचा हड़कंप, 24 घंटे में 0.90 हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो गया है। जिले के फतेहपुर रेंज के तीन अलग-अलग स्थानों पर आग ने भीषण रूप लिया, जिससे जंगल के बड़े हिस्से में आग फैल गई। वहीं, हनुमानगढ़ क्षेत्र में भी आग ने कई जंगलों को अपनी चपेट में लिया, लेकिन पहाड़ी इलाके और चीड़ के घने जंगल होने के कारण आग पर काबू पाने में दिक्कत आ रही है।

पिछले 24 घंटों में हनुमानगढ़ और फतेहपुर रेंज के अलग-अलग इलाकों में हुई घटनाओं में मिलाकर कुल .90 हेक्टेयर जंगल जल चुका है। इनमें से 0.50 हेक्टेयर का नुकसान फतेहपुर रेंज के कल्सिया बीट में हुआ, जबकि बाकी नुकसान अन्य स्थानों पर हुआ है। प्रशासन और वन विभाग की टीमों ने मौके पर पहुंचकर आग को बुझाने की कोशिश की, लेकिन कुछ जगहों पर आग पर पूरी तरह से काबू नहीं पाया जा सका।

आग बुझाने में हो रही परेशानी

हनुमानगढ़ क्षेत्र में आग की घटना गंभीर रूप से बढ़ी जब अराजक तत्वों ने जानबूझकर जंगल में आग लगा दी। यह आग हनुमानगढ़ मंदिर की ओर बढ़ रही थी, जिससे मंदिर के आसपास के क्षेत्र में खलबली मच गई। सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम तुरंत मौके पर पहुंची, लेकिन इलाके की ऊंचाई और जंगल की घनी संरचना के कारण आग पर काबू पाना मुश्किल हो रहा है। रेंजर त्रिलोक बोरा ने बताया कि आग बुझाने के लिए टीम ने चारों ओर से लाइन काटने का प्रयास किया है, ताकि आग को और फैलने से रोका जा सके।

कांग्रेस नेता ने किया संसाधनों की कमी का आरोप

कांग्रेस नेता राजेंद्र सिंह बिष्ट ने वन विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना था कि काठगोदाम और दमुवाढूंगा क्षेत्र में भी जंगलों में आग लग रही है, लेकिन विभाग के पास इस पर नियंत्रण पाने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वन विभाग के पास उपकरणों और कर्मचारियों की कमी के कारण आग पर काबू पाना मुश्किल हो रहा है। बिष्ट ने राज्य सरकार से मांग की है कि जंगलों में लगी आग पर नियंत्रण पाने के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए जाएं।

वन विभाग की ओर से लगातार प्रयास जारी

वन विभाग के अधिकारी इस आग को बुझाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। विभाग की टीम ने आग की घटनाओं के स्थानों पर बारीकी से निगरानी रखी है और चेतावनी बोर्ड भी लगाए गए हैं। विभाग ने स्थानीय निवासियों से भी आग्रह किया है कि वे इस मामले में सहयोग करें और किसी भी तरह की आग लगाने की घटनाओं की जानकारी तुरंत प्रशासन को दें।

नैनीताल जिले के जंगलों में आग की घटनाएं बढ़ने से चिंताएं गहराई हैं, खासकर इस समय जब गर्मी का मौसम बढ़ चुका है। विभाग ने आग पर काबू पाने के लिए उच्च अधिकारियों से भी मदद की मांग की है। इसके अलावा, स्थानीय प्रशासन ने आग से बचाव के उपायों को और अधिक सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया है।

आग से पर्यावरण पर प्रभाव

उत्तराखंड के जंगलों में लगने वाली आग से न केवल जंगलों का नुकसान होता है, बल्कि पर्यावरण पर भी इसके गंभीर प्रभाव पड़ते हैं। आग से वन्यजीवों का habitat नष्ट होता है, साथ ही मृदा अपरदन (soil erosion) की समस्या भी उत्पन्न होती है। ऐसे में समय रहते आग पर काबू पाना और पर्यावरणीय सुरक्षा के उपायों को लागू करना आवश्यक है।