Ceasefire between India-Pak : एक ऐसी खबर, जो भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव को एक नया मोड़ दे सकती है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बड़ा दावा किया है कि भारत और पाकिस्तान पूर्ण युद्धविराम के लिए राजी हो गए हैं। ट्रम्प के अनुसार, दोनों देशों ने तत्काल हमले रोकने पर सहमति जताई है।
डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने बयान में कहा कि अमेरिका की मध्यस्थता में रातभर चली लंबी बातचीत के बाद, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि भारत और पाकिस्तान तुरंत और पूरी तरह युद्धविराम के लिए तैयार हो गए हैं। मैं दोनों देशों को उनकी समझदारी और कॉमन सेंस से भरे इस फैसले के लिए बधाई देता हूं।
आधिकारिक पुष्टि अभी तक भारत या पाकिस्तान सरकार की ओर से नहीं की
हालांकि, इस दावे की आधिकारिक पुष्टि अभी तक भारत या पाकिस्तान सरकार की ओर से नहीं की गई है। लेकिन ट्रम्प का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब दोनों देशों के बीच पिछले तीन दिनों से लगातार हमले और जवाबी हमले हो रहे थे। उधर, भारत सरकार ने आतंकवाद को लेकर अपना रुख और भी सख्त कर लिया है। केंद्र सरकार ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि यदि भविष्य में भारत पर कोई भी आतंकी हमला होता है, तो उसे ‘एक्ट ऑफ वॉर’ यानी युद्ध माना जाएगा, और उसका जवाब भी उसी तरीके से दिया जाएगा। न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है।
‘एक्ट ऑफ वॉर’ पर अब सरकार की नई पॉलिसी
स्ट्रेटजिक एनालिस्ट और ओआरएफ के सीनियर फेलो सुशांत सरीन ने ‘एक्ट ऑफ वॉर’ के इस नए रुख पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “अभी तक भारत में कोई घटना होती थी, तो डिप्लोमैटिक चैनल एक्टिव हो जाता था। अब सरकार की नई पॉलिसी का मतलब है कि अगर भारत में हुए किसी भी आतंकी हमले या घटना में पाकिस्तान का जरा-सा भी हाथ हुआ, तो मिलिट्री एक्शन लिया जाएगा। अटैक भी किया जा सकता है।”
मारे गए 5 प्रमुख आतंकियों की सूची जारी
खुफिया एजेंसियों ने शनिवार को ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए 5 प्रमुख आतंकियों की सूची जारी की। इनमें अबू जुंदाल, हाफिज मुहम्मद जमील, मोहम्मद यूसुफ अजहर, खालिद उर्फ अबु अकाशा और मोहम्मद हसन खान शामिल हैं। यूसुफ अजहर कंधार हाईजैक का मास्टरमाइंड था, जबकि जुंदाल मुंबई हमले में शामिल था।
भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद आतंकियों के 9 ठिकानों को मिसाइलों से निशाना बनाया था। डोनाल्ड ट्रम्प के इस दावे के बाद, अब सबकी निगाहें भारत और पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक बयानों पर टिकी हैं। क्या वाकई दोनों देश युद्धविराम के लिए राजी हो गए हैं? या यह सिर्फ एक अफवाह है?