उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में शुक्रवार देर रात धामी सरकार के बुलडोजर की गूंज एक बार फिर सुनाई दी। इस बार कार्रवाई हुई दून अस्पताल के बाहर बनी अवैध मजार पर, जिसे आधी रात को ध्वस्त कर दिया गया। प्रशासन की इस सटीक कार्रवाई से साफ है कि सरकार अवैध कब्जों को लेकर किसी भी तरह की ढिलाई के मूड में नहीं है।
शिकायत से लेकर बुलडोजर तक – जानिए पूरा मामला
यह मामला तब सामने आया जब ऋषिकेश निवासी पंकज गुप्ता ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पोर्टल पर शिकायत दर्ज की। उन्होंने आरोप लगाया कि दून अस्पताल के मुख्य द्वार पर बनी मजार अवैध है और सरकारी भूमि पर कब्जा कर बनाई गई है। शिकायत पर संज्ञान लेते हुए नगर निगम, राजस्व विभाग, लोक निर्माण विभाग (PWD), दून अस्पताल प्रशासन और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने जांच की। जांच में पाया गया कि मजार के नाम पर कोई वैध दस्तावेज मौजूद नहीं हैं, और इसका निर्माण सरकारी जमीन पर अवैध रूप से किया गया था।
देर रात चला बुलडोजर, मजार को हटाया
जिलाधिकारी सविन बंसल के अनुसार- मामले की गहन जांच के बाद खादिम को नोटिस जारी किया गया था। जब दस्तावेज नहीं मिले, तो कानूनी कार्रवाई करते हुए मजार को ध्वस्त कर दिया गया। रात लगभग 2 बजे के करीब, भारी पुलिस बल और प्रशासनिक टीम की मौजूदगी में बुलडोजर चलाकर मजार को पूरी तरह गिरा दिया गया।
अब तक हटाई गईं 500 से ज्यादा अवैध मजारें
धामी सरकार पिछले कुछ महीनों से राज्य में अवैध धार्मिक ढांचों के खिलाफ कड़ा अभियान चला रही है। अब तक 500+ मजारें, 135 अवैध मदरसे और 50 से ज्यादा अवैध मंदिर हटाए जा चुके हैं। 22 अप्रैल 2025 को रुद्रपुर में नेशनल हाईवे चौड़ीकरण के लिए भी एक बड़ी मजार हटाई गई थी, जिसे लेकर हाईकोर्ट तक में याचिका दाखिल की गई थी।
हाईकोर्ट का आदेश : राज्यभर में मजारों का सर्वे
रुद्रपुर केस की सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को सभी जिलों में मजारों का सर्वे कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने मुख्य सचिव को डिस्ट्रिक्ट वाइज कमेटी बनाने और रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। इसका सीधा असर अब हर जिले में दिखने लगा है।