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Vande Bharat train : जानें कौन था हरिद्वार में वंदे भारत ट्रेन के आगे कूदने वाला कपल, पलभर में उड़ गए चीथड़े…

हरिद्वार के ज्वालापुर में रविवार दोपहर एक हृदयविदारक घटना सामने आई, जिसने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी। यहां सेक्टर दो बैरियर के पास मुख्य मार्ग से गुजर रहे रेलवे ट्रैक पर एक महिला और एक पुरुष ने तेज रफ्तार वंदे भारत एक्सप्रेस के आगे कूदकर अपनी जान दे दी। लखनऊ से देहरादून जा रही ट्रेन की गति उस समय लगभग 90 किलोमीटर प्रति घंटा थी।

ट्रेन के हॉर्न के बावजूद ट्रैक पर लेटे

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, वंदे भारत एक्सप्रेस जब ज्वालापुर में सेक्टर दो बैरियर के नजदीक पहुंची, तो रेलवे ट्रैक के किनारे एक महिला और एक पुरुष खड़े दिखाई दिए। ट्रेन के हॉर्न की आवाज सुनकर पहले पुरुष अचानक रेलवे ट्रैक पर लेट गया। उसके कुछ ही पल बाद, जैसे ही ट्रेन बिल्कुल करीब आ गई, महिला भी ट्रैक पर लेट गई। इस भयावह दृश्य को देखकर आसपास मौजूद लोगों के होश उड़ गए। ट्रेन के गुजरते ही लोग दौड़कर ट्रैक पर पहुंचे, जहां उन्हें दोनों के क्षत-विक्षत शव पड़े मिले।

आत्महत्या के कारणों का नहीं चला पता

घटना की सूचना मिलते ही ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह और जीआरपी थानाध्यक्ष अनुज सिंह अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने मौके पर मौजूद लोगों से घटना की जानकारी ली और शवों की शिनाख्त कराने का प्रयास किया, लेकिन कोई भी उन्हें पहचान नहीं सका। मृतकों के पास से कोई मोबाइल फोन, आधार कार्ड या अन्य ऐसा दस्तावेज नहीं मिला जिससे उनकी पहचान हो सके। फिलहाल, पुलिस ने दोनों शवों को जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया है और उनकी पहचान के प्रयास तेज कर दिए हैं।

पुलिस कर रही हर पहलू की जांच

एसपी सिटी पंकज गैरोला ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि मृतकों की पहचान होने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि महिला और पुरुष के बीच क्या संबंध था और उन्होंने आत्महत्या जैसा চরম कदम क्यों उठाया। उन्होंने बताया कि शवों के फोटो हरिद्वार जनपद के साथ-साथ आसपास के जिलों में भी भेजे गए हैं और सोशल मीडिया के माध्यम से भी उनकी पहचान कराने की कोशिश की जा रही है।

तेज रफ्तार ट्रेन को रोकना नामुमकिन

जीआरपी थानाध्यक्ष अनुज सिंह ने वंदे भारत ट्रेन के लोको पायलट बृजमोहन मीणा से बात की। लोको पायलट ने बताया कि घटना से ठीक पहले उन्होंने एक पुरुष और एक महिला को पटरी के किनारे खड़े देखा था। जैसे ही ट्रेन उनके नजदीक पहुंची, पहले पुरुष और फिर महिला ट्रेन के आगे लेट गए। उन्होंने बताया कि ट्रेन उस समय 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी, इसलिए इतनी तेज गति में ट्रेन को रोकना बिल्कुल भी संभव नहीं था।

पुलिस का मानना है कि जिस तरीके से दोनों ने जान दी है, उससे यह स्पष्ट है कि वे मानसिक रूप से बेहद परेशान रहे होंगे और उन्हें कोई और रास्ता नहीं सूझा होगा। मृतकों की उम्र लगभग 50 वर्ष बताई जा रही है। पुलिस हर पहलू से मामले की जांच कर रही है ताकि आत्महत्या के कारणों का पता चल सके।