उत्तराखंड में बेसहारा और परित्यक्त 174 मासूम बच्चों को नया परिवार मिला है। महिला एवं बाल कल्याण विभाग के प्रयासों से इन बच्चों को देश और विदेश में स्नेह और सुरक्षा का वातावरण प्राप्त हुआ है। इन 174 बच्चों में से 23 को विदेशों में गोद लिया गया है। इनमें तीन दिव्यांग बच्चे भी शामिल हैं, जिन्हें कनाडा, स्पेन, इटली, जर्मनी, बेल्जियम, नीदरलैंड और फ्रांस जैसे देशों में नए माता-पिता मिले हैं।
देश में भी अपनाया गया
वहीं, 151 बच्चों को देश के विभिन्न राज्यों के परिवारों ने अपनाया है। केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) के माध्यम से यह प्रक्रिया पूरी की गई, जिससे इन बच्चों को एक स्थायी और प्यार भरा घर मिल सका है। वर्तमान में भी राज्य के देहरादून, हरिद्वार और अल्मोड़ा स्थित विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी (एसएए) के केंद्रों पर 22 बच्चे दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया में हैं। इन बच्चों को भी जल्द ही नए परिवार मिलने की उम्मीद है।
लंबित हैं 170 आवेदन
महिला एवं बाल कल्याण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उत्तराखंड में अभी भी लगभग 170 दत्तक ग्रहण के आवेदन लंबित हैं। सामान्य प्रक्रिया के तहत पांच साल तक के उन बच्चों को गोद दिया जाता है, जिनके माता-पिता नहीं हैं या जिन्होंने अपनी संतान को त्याग दिया है। दत्तक ग्रहण की प्रतीक्षा अवधि लगभग दो साल है।