उत्तराखंड की पवित्र चारधाम यात्रा 2025 का शुभारंभ होने में अब बस कुछ ही दिन शेष हैं, और तीर्थयात्रियों का उत्साह आसमान छू रहा है। 30 अप्रैल से शुरू हो रही यात्रा के लिए आज से ऑफलाइन पंजीकरण की सुविधा शुरू कर दी गई है। रजिस्ट्रेशन काउंटरों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।
ऋषिकेश, हरिद्वार, हरबर्टपुर और विकासनगर में बनाए गए रजिस्ट्रेशन सेंटरों पर आज सुबह 7 बजे से काउंटर खुले। सरकार ने इस बार तीर्थयात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की भी समुचित व्यवस्था की है।
अब तक 21.55 लाख श्रद्धालु ऑनलाइन पंजीकरण करवा चुके
अब तक 21.55 लाख श्रद्धालु ऑनलाइन पंजीकरण करवा चुके हैं। इनमें सबसे अधिक रुझान केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के लिए देखा गया है। अब सरकार ने शेष 40% यात्रियों के लिए ऑफलाइन स्लॉट खोले हैं, ताकि जो श्रद्धालु तकनीकी कारणों से ऑनलाइन पंजीकरण नहीं कर सके, वे भी यात्रा में भाग ले सकें।
चारधाम यात्रा का शेड्यूल कुछ इस प्रकार है:
-30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे
-2 मई को केदारनाथ के दर्शन शुरू होंगे
-4 मई को बदरीनाथ के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुलेंगे
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि यात्रा के दौरान पंजीकरण पूरी तरह अनिवार्य है। उन्होंने कहा, “सरकार की प्राथमिकता तीर्थयात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और सुचारु व्यवस्था है। ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्लेटफॉर्म यात्रियों की सुविधा के लिए चालू हैं। कोई भी श्रद्धालु बिना पंजीकरण के यात्रा नहीं कर पाएगा।”
रजिस्ट्रेशन काउंटरों की संख्या:
-ऋषिकेश: 30
-हरिद्वार: 20
-हरबर्टपुर और विकासनगर: 15-15
इन सभी स्थानों पर पंजीकरण के साथ-साथ स्वास्थ्य जांच और सूचना सहायता डेस्क भी बनाए गए हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी न हो।
इस बार यात्रा की तैयारियों में सीएम पुष्कर सिंह धामी खुद निगरानी रख रहे हैं। हाल ही में उनका हेलीकॉप्टर यमुनोत्री हेलीपैड पर सफलतापूर्वक लैंड हुआ, जिससे साफ संकेत मिलते हैं कि सरकार इस बार यात्रा को पूरी तरह सुरक्षित और व्यवस्थित बनाना चाहती है।
धामवार ऑनलाइन पंजीकरण आंकड़े:
केदारनाथ: 7,30,951
बदरीनाथ: 6,50,184
गंगोत्री: 3,82,881
यमुनोत्री: 3,51,708
हेमकुंड साहिब: 39,185
इस साल चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड तोड़ भीड़ की संभावना है, इसलिए सरकार ने ई-पास व स्लॉट आधारित दर्शन प्रणाली को पहले से अधिक मजबूत किया है।
स्थानीय व्यापारी, होटल संचालक और ट्रांसपोर्ट यूनियन भी इस यात्रा सीज़न को लेकर उत्साहित हैं। उम्मीद की जा रही है कि चारधाम यात्रा न सिर्फ आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करेगी, बल्कि क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।