Homeउत्तराखण्डकुमाऊं में क्यों भैंसों को ढूढने में लगा पुलिस महकमा

कुमाऊं में क्यों भैंसों को ढूढने में लगा पुलिस महकमा

हल्द्वानी के झुटियाल खत्ता में भैंस चोरी की घटना ने इलाके में सभी को चौंका दिया. पशुपालक प्रेम सिंह बिष्ट की शिकायत पर पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. हल्द्वानी कोतवाल राजेश यादव ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत कार्रवाई शुरू की है. उन्होंने बताया कि प्रेम सिंह की तहरीर के आधार पर चार लोगों—असलम, युसूफ, करीम और अकरम—के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पुलिस ने ऊधमसिंह नगर और गदरपुर इलाकों में छानबीन शुरू कर दी है, जहां से ये आरोपी बताए जा रहे हैं. कोतवाल ने कहा, “हमारी टीम आरोपियों की तलाश में जुटी है. जल्द ही उन्हें पकड़ लिया जाएगा और चोरी हुई भैंसों को बरामद करने की पूरी कोशिश की जा रही है.”

हालांकि, पुलिस के सामने कई चुनौतियां भी हैं. जंगल का इलाका होने की वजह से चोरों का पीछा करना आसान नहीं है. इसके अलावा, इस तरह के मामलों में अक्सर चोरी किए गए मवेशियों को जल्दी से दूसरी जगहों पर बेच दिया जाता है, जिससे उनकी बरामदगी मुश्किल हो जाती है. फिर भी, कोतवाल राजेश यादव ने आश्वासन दिया है कि पशुपालकों की आजीविका को नुकसान पहुंचाने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा.

प्रेम सिंह की 17 भैंसों में से आठ के गायब होने से उनके परिवार की रोजी-रोटी पर सीधा असर पड़ा है. ईटीवी में छपी एक खबर के मुताबिक स्थानीय पशुपालकों का कहना है कि जंगल में मवेशियों की सुरक्षा के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है. इस घटना ने प्रशासन के सामने भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालकों की सुरक्षा और उनकी संपत्ति की रक्षा के लिए क्या ठोस कदम उठाए जा रहे हैं? स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि जंगल में मवेशियों की चराई के दौरान उनकी सुरक्षा के लिए कुछ स्थायी उपाय किए जाएं, जैसे कि गश्ती दलों की तैनाती या निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल.

वैसे यह पहली बार नहीं है जब भैंस चोरी का मामला सुर्खियों में आया है. करीब 10 साल पहले, 2014 में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन कैबिनेट मंत्री आजम खान की सात भैंसें चोरी हो गई थीं. उस वक्त यह मामला पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया था. रामपुर पुलिस ने भैंसों की तलाश में बड़े पैमाने पर छापेमारी की थी और कई राज्यों में सर्च ऑपरेशन चलाया था. आखिरकार कुछ भैंसें बरामद कर ली गई थीं, लेकिन इस घटना ने ग्रामीण इलाकों में मवेशी चोरी की समस्या को राष्ट्रीय स्तर पर उजागर किया था. हालांकि, प्रेम सिंह का मामला आजम खान की घटना से अलग है, क्योंकि वह एक साधारण पशुपालक हैं, जिनके लिए उनकी भैंसें उनकी जिंदगी का आधार हैं. लेकिन दोनों घटनाओं में एक समानता जरूर है—ग्रामीण इलाकों में पशुपालकों की सुरक्षा और उनकी संपत्ति की रक्षा को लेकर प्रशासन की लापरवाही.

प्रेम सिंह की भैंस चोरी की घटना ने झुटियाल खत्ता के लोगों को एकजुट कर दिया है. वे चाहते हैं कि इस मामले में सख्त कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके. पुलिस की जांच अभी जारी है, और स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही प्रेम सिंह की बाकी भैंसें बरामद हो जाएंगी.