भारत की रक्षा क्षमता को नई ऊंचाइयों पर ले जाते हुए लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट की शुरुआत की गई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली से वर्चुअल माध्यम से इस यूनिट का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने पाकिस्तान को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि अब आतंकियों को सीमा पार भी पनाह नहीं मिलेगी, और ब्रह्मोस की आवाज रावलपिंडी तक गूंजी है।
ब्रह्मोस सिर्फ मिसाइल नहीं, एक संदेश है
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सेना ने संयम और साहस का परिचय दिया है। उन्होंने याद दिलाया कि जब पाकिस्तान ने नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाया, तब भारत ने संयम के साथ लेकिन पूरी ताकत से जवाब दिया। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि यह भारत की दृढ़ इच्छा शक्ति का प्रतीक है।
योगी का तंज: पाकिस्तान से पूछिए ब्रह्मोस क्या होती है
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा- अगर किसी को ब्रह्मोस की ताकत पर शक है, तो पाकिस्तान से पूछ लीजिए।” उन्होंने आतंकवाद को “कुत्ते की पूंछ” बताते हुए कहा कि वह कभी सीधी नहीं होने वाली और ऐसे में सिर्फ सख्त कार्रवाई ही उसका जवाब है।
300 करोड़ की लागत, 3,000 रोजगार
भटगांव, लखनऊ में बनी इस ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट पर करीब 300 करोड़ रुपये की लागत आई है। यह यूनिट BrahMos Aerospace द्वारा स्थापित की गई है और इससे प्रत्यक्ष रूप से 3,000 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। इस परियोजना को तैयार होने में केवल साढ़े तीन साल लगे, जिसमें योगी सरकार की सक्रिय भूमिका रही।
डिफेंस कॉरिडोर से आत्मनिर्भरता की ओर
रक्षामंत्री ने कहा कि यह यूनिट न केवल एक उत्पादन केंद्र है, बल्कि भारत की आत्मनिर्भरता और तकनीकी सशक्तिकरण का प्रतीक भी है। यूपी डिफेंस कॉरिडोर में अब तक 180 एमओयू साइन हो चुके हैं और 4,000 करोड़ का निवेश आ चुका है।
लखनऊ अब हथियार निर्माण का हब
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि लखनऊ अब सिर्फ नवाबी और मुस्कान के लिए नहीं, बल्कि दुश्मनों को जवाब देने वाले हथियारों के निर्माण के लिए जाना जाएगा। उन्होंने कहा- अब जो दुश्मन हमारी ताकत से डरते हैं, उन्हें लखनऊ से आने वाली धमक हमेशा याद रहेगी। इस ऐतिहासिक पहल से भारत ने दुनिया को एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि अब कोई भी खतरा देश की सीमा पर रुकेगा नहीं—वह जहां भी होगा, भारत की कार्रवाई वहां तक पहुंचेगी।