उत्तराखंड के हल्द्वानी में साइबर ठगी का एक बड़ा मामला सामने आया है। बनभूलपुरा इलाके में एक बेकरी मालिक ने अपने ही कर्मचारी के बैंक खाते का फर्जी तरीके से इस्तेमाल कर 1.20 करोड़ रुपये की साइबर ठगी को अंजाम दिया। नोएडा पुलिस की जांच के बाद इस मामले का खुलासा हुआ, जिसके बाद बेकरी मालिक समेत 12 लोगों के खिलाफ बनभूलपुरा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
कैसे हुआ ये बड़ा फ्रॉड
मामले का खुलासा तब हुआ जब मंगलपड़ाव सावित्री कॉलोनी निवासी रमेश चंद्र, जो बनभूलपुरा के एमएस बेकर्स पर पिछले 15 साल से काम कर रहे थे, ने पुलिस को पूरी बात बताई। रमेश के अनुसार, कुछ महीने पहले उसके मालिक साजिद (निवासी लाइन नंबर 17, बनभूलपुरा) ने उसे क्रिप्टोकरेंसी के ज़रिए पैसे कमाने का लालच दिया। रमेश, जो आर्थिक तंगी से जूझ रहा था, तुरंत तैयार हो गया।
इसके बाद, साजिद ने बनभूलपुरा के अनस मलिक के साथ मिलकर एक शातिर चाल चली। उन्होंने सबसे पहले उद्यम विभाग से रमेश का एक फर्जी उद्यम सर्टिफिकेट बनवाया। इसी फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर, बैंक ऑफ बड़ौदा में रमेश के नाम पर ‘आरसी इंटरप्राइजेज’ के नाम से एक चालू खाता खुलवा दिया गया।
करोड़ों का लेनदेन और नोएडा पुलिस का खुलासा
रमेश ने बताया कि 19 मार्च को साजिद ने पहली बार उसके खाते में 30 हज़ार रुपये डाले और 10 हज़ार रुपये नकद उसे भी दिए। इसी बीच, साजिद और अनस ने रमेश को अपने कुछ दोस्तों से मिलवाया, जिनमें हसनान, कैफ, रमीज़, करन व उसके भाई प्रियांशु ठाकुर, सिकंदर हुसैन व उसके भाई यूसुफ, वाजिद, मोनिस और नितिन अटवाल शामिल थे। इन सभी ने खुद को क्रिप्टोकरेंसी का काम करने वाला बताया, लेकिन उनका असली मकसद कुछ और ही था।
एक हफ़्ते पहले, नोएडा पुलिस ने बनभूलपुरा थाने आकर रमेश चंद्र के खातों की जांच की। जब रमेश को बुलाया गया, तो उसने पूरी सच्चाई बता दी। बनभूलपुरा थाना प्रभारी नीरज भाकुनी ने पुष्टि की कि रमेश की तहरीर पर इन 12 युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। रमेश के खाते से कुल 1.20 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ था, जिसके बाद यह बड़ा साइबर ठगी का मामला पकड़ में आया। यह घटना हल्द्वानी के इस इलाके को झारखंड के जामताड़ा और राजस्थान के मेवात जैसे साइबर क्राइम हब की तरह बनाती दिख रही है। पुलिस अब मामले की गहन जांच कर रही है।