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45 डॉक्टरों की नियुक्ति : पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, चमोली, अल्मोड़ा और हरिद्वार जैसे पर्वतीय जिलों को मिली सौगात

उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा 2025 की शुरुआत से पहले, प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देशों पर, प्रदेश सरकार ने चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के माध्यम से 45 विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति का आदेश जारी किया है। इन विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती से राज्य के पर्वतीय जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है, जिससे चारधाम यात्रा के दौरान आने वाले लाखों तीर्थयात्रियों को बेहतर चिकित्सा सेवाएं मिल सकेंगी।

नियुक्त विशेषज्ञ डॉक्टरों की सूची

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार के मुताबिक, ये विशेषज्ञ डॉक्टर राज्य के विभिन्न जिला चिकित्सालयों, उप जिला चिकित्सालयों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में अपनी सेवाएं देंगे। ये डॉक्टर अपनी विशेषज्ञताओं के अनुसार निम्नलिखित विभागों में कार्य करेंगे :

-एनेस्थीसिया (Anaesthesiology): 12 डॉक्टर

– सर्जरी (General Surgery): 5 डॉक्टर

-बाल रोग विशेषज्ञ (Pediatrics): 4 डॉक्टर

-स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ (OBS & Gynae): 4 डॉक्टर

-कान-नाक-गला (ENT): 5 डॉक्टर

-नेत्र रोग विशेषज्ञ (Ophthalmology): 2 डॉक्टर

-फॉरेंसिक मेडिसिन (MD Forensic Medicine): 1 डॉक्टर

-जनरल मेडिसिन व अन्य : 10 डॉक्टर

-पर्वतीय जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं को मिलेगा नया जीवन

स्वास्थ्य सचिव डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि इन डॉक्टरों की तैनाती से पर्वतीय और दूरस्थ जिलों के अस्पतालों को बड़ी राहत मिलेगी। इससे अब तक मरीजों को बड़े शहरों का रुख करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। सर्जरी, एनेस्थीसिया, स्त्री एवं प्रसूति रोग, बाल रोग और नेत्र रोग जैसे प्रमुख विभागों में अब स्थानीय स्तर पर विशेषज्ञ सेवाएं उपलब्ध होंगी। इससे न सिर्फ स्थानीय लोगों को राहत मिलेगी, बल्कि तीर्थयात्रियों को भी तत्काल और कुशल उपचार मिल सकेगा।

चारधाम यात्रा में स्वास्थ्य सुविधाएं

चारधाम यात्रा के दौरान आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को ध्यान में रखते हुए, इन विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है। यात्रा के दौरान स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करने वाले यात्रियों को त्वरित और गुणवत्तापूर्ण उपचार मिल सके, इसके लिए यह कदम अत्यंत महत्वपूर्ण है। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हाई-एल्टीट्यूड मेडिसिन, कार्डियक इमरजेंसी और ट्रॉमा केयर के लिए अतिरिक्त प्रबंध किए गए हैं, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में तीर्थयात्रियों को समय पर चिकित्सा सहायता मिल सके।

नए नियुक्त चिकित्सकों को शीघ्र कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए

स्वास्थ्य विभाग ने सभी नए नियुक्त चिकित्सकों को शीघ्र कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए हैं। विभागीय आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई डॉक्टर निर्धारित समय पर अपना कार्यभार ग्रहण नहीं करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

राज्य सरकार की पहल

यह कदम उत्तराखंड सरकार द्वारा उठाया गया एक महत्त्वपूर्ण प्रयास है, जिससे प्रदेश के दूर-दराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए लगातार प्रयास किए हैं। उनकी पहल से प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार किया गया है। खासतौर पर तीर्थयात्रियों के लिए यह कदम महत्वपूर्ण साबित होगा, क्योंकि यह यात्रा के दौरान स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए पर्याप्त संसाधन मुहैया कराएगा।

यहां होगी तैनाती

इन विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती मुख्य रूप से पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, चमोली, टिहरी गढ़वाल, अल्मोड़ा, चंपावत, बागेश्वर और हरिद्वार जैसे पर्वतीय जिलों में की गई है। इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को देखते हुए, यह कदम अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगा। साथ ही, इन क्षेत्रों के नागरिकों को अब विशेषज्ञ सेवाओं के लिए दूर-दराज के शहरों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी।

हाई-एल्टीट्यूड मेडिसिन, कार्डियक इमरजेंसी, और ट्रॉमा केयर जैसी विशेष चिकित्सा सेवाओं के लिए उच्च हिमालयी क्षेत्रों में भी अतिरिक्त प्रबंध किए गए हैं। इन क्षेत्रों में तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ के बीच इन विशेष सेवाओं की अत्यधिक आवश्यकता होती है, और सरकार ने इसे ध्यान में रखते हुए आवश्यक कदम उठाए हैं।

इस पहल से न केवल स्थानीय लोगों को राहत मिलेगी, बल्कि यात्रा के दौरान आने वाली चिकित्सा समस्याओं का तत्काल समाधान भी हो सकेगा।

स्थानीय नागरिकों को फायदा होगा

चारधाम यात्रा 2025 से पहले उठाया गया यह कदम राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है। 45 विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती से न केवल स्थानीय नागरिकों को फायदा होगा, बल्कि तीर्थयात्रियों को भी यात्रा के दौरान स्वास्थ्य संबंधी किसी भी संकट से बचने में मदद मिलेगी। इस पहल से प्रदेश की चिकित्सा सेवाएं और भी मजबूत होंगी, जिससे भविष्य में उत्तराखंड को एक स्वस्थ और समृद्ध राज्य के रूप में देखा जा सकेगा।