बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) आज शुक्रवार को अपना बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाएगी। इस फैसले पर पूरे उत्तराखंड और देश की निगाहें टिकी हुई हैं। कोर्ट परिसर और उसके आसपास व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं, जिसमें गढ़वाल मंडल के विभिन्न जनपदों से अतिरिक्त पुलिस बल को कोटद्वार बुलाया गया है। अदालत परिसर के बाहर की सड़कों पर बैरिकेडिंग लगाई गई है।
लंबी सुनवाई के बाद फैसला आज
18 सितंबर, 2022 को वनंत्रा रिजॉर्ट की रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की हत्या कर उसका शव चीला शक्ति नहर में फेंक दिया गया था। घटना के एक सप्ताह बाद चीला नहर से शव बरामद हुआ था, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था।
इस मामले में 19 मई को अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी द्वारा बचाव पक्ष की बहस का जवाब देने के साथ ही सुनवाई समाप्त हुई थी। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आज, 30 मई की तारीख फैसला सुनाने के लिए तय की थी। कोटद्वार स्थित एडीजे कोर्ट में इस मामले की पहली सुनवाई 30 जनवरी, 2023 को शुरू हुई थी। एसआईटी जांच के बाद अभियोजन पक्ष ने अदालत में 500 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया था।
47 गवाहों की गवाही, सुरक्षा चाक-चौबंद
वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, उसके कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता – तीनों हत्यारोपियों पर आरोप तय होने के बाद, 28 मार्च, 2023 से अभियोजन पक्ष की गवाही शुरू हुई। लगभग दो साल और आठ महीने तक चली इस सुनवाई में, अभियोजन पक्ष की ओर से विवेचक सहित 47 गवाहों को अदालत में पेश किया गया। एसआईटी ने कुल 97 गवाह बनाए थे, लेकिन अदालत में 47 अहम गवाहों को ही परीक्षित कराया गया।
हत्यारोपियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग को लेकर कोटद्वार, पौड़ी, ऋषिकेश और देहरादून समेत कई जगहों पर लगातार विरोध प्रदर्शन होते रहे हैं। इस संभावना को देखते हुए कि फैसले को सुनने के लिए राज्य के साथ-साथ अन्य शहरों से भी लोग यहाँ पहुँच सकते हैं, खुफिया इनपुट के आधार पर वरिष्ठ अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था बनाने में जुटे हैं।
कोतवाल रमेश तनवार ने बताया कि अदालत परिसर में पुख्ता सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। पौड़ी जिले के साथ ही देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, उत्तरकाशी जनपदों से बड़ी संख्या में पुलिस बल, अधिकारी और डेढ़ कंपनी पीएसी के जवान तैनात किए गए हैं। अदालत परिसर में किसी भी बाहरी व्यक्ति को जाने की अनुमति नहीं होगी। पुलिस और प्रशासन की ओर से सुरक्षा प्रबंधों को लेकर कई दौर की बैठकें और मॉक ड्रिल की जा चुकी हैं। सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार सुबह से ही अदालत परिसर छावनी में तब्दील हो गया है। वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी खुद सुरक्षा व्यवस्था पर कड़ी निगरानी रखे हुए हैं।
निषेधाज्ञा लागू और मजिस्ट्रेट तैनात
अदालत के फैसले को देखते हुए, एसडीएम कोटद्वार सोहन सिंह सैनी ने अदालत परिसर के 200 मीटर के दायरे में धारा 163 लागू कर दी है। जिला प्रशासन ने कोटद्वार में चार और पौड़ी में एक मजिस्ट्रेट की तैनाती की है। कोई भी व्यक्ति समूह में अदालत के 200 मीटर के दायरे में प्रवेश नहीं कर सकेगा। इसके साथ ही नारेबाजी, धरना-प्रदर्शन भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।
कोटद्वार के सिमलचौड़ स्थित अदालत परिसर के चारों ओर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। एसडीएम ने शांति, सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अदालत से देवीरोड, कोर्ट परिसर से सुखरो पुल, बीईएल मार्ग और पदमपुर सुखरो मार्ग पर चारों रूटों पर चार मजिस्ट्रेट – तहसीलदार साक्षी उपाध्याय, एआरटीओ ज्योति शंकर मिश्रा, अजय अष्टवाल और मनोहर सिंह नेगी को तैनात किया है। एसडीएम सोहन सिंह सैनी ने स्पष्ट किया कि निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के अंतर्गत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि अदालत परिसर में अधिवक्ता और कर्मचारियों पर यह नियम लागू नहीं होगा, और शांति, सुरक्षा व कानून व्यवस्था से खिलवाड़ कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।