उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में सोमवार को कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) में सुनवाई पूरी हो गई है। अब पूरे देश की निगाहें 30 मई पर टिकी हैं, जब अदालत इस सनसनीखेज मामले में अपना फैसला सुनाएगी। इस हत्याकांड ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया था और न्याय के लिए लगातार आवाज़ें उठाई जा रही थीं।
अभियोजन पक्ष की मजबूत दलीलें, आरोपियों को कड़ी सजा की मांग
सोमवार को हुई अंतिम सुनवाई के दौरान, अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता, विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी ने बचाव पक्ष की दलीलों का जोरदार जवाब दिया। उन्होंने अदालत के समक्ष यह साबित करने का दावा किया कि अभियोजन पक्ष ने इस मामले को बखूबी और अकाट्य रूप से प्रस्तुत किया है। नेगी ने अदालत से तीनों हत्यारोपियों – पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता – को कठोरतम सजा देने की मांग की। दोनों पक्षों की बहस और दलीलें सुनने के बाद, अदालत ने अपना फैसला सुनाने के लिए 30 मई की तारीख निर्धारित कर दी।
क्या है पूरा मामला और लगे हैं क्या आरोप?
यह दुखद घटना 18 सितंबर, 2022 को सामने आई थी, जब वनंत्रा रिजॉर्ट की रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की हत्या कर उसका शव चीला शक्ति नहर में फेंक दिया गया था। घटना के लगभग एक सप्ताह बाद, अंकिता का शव चीला नहर से बरामद हुआ था।
SIT (विशेष जांच दल) की गहन जांच के बाद, वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य और दो अन्य कर्मचारियों के खिलाफ लगभग 500 पेज की चार्जशीट अदालत में दाखिल की गई थी। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में कुल 97 गवाह बनाए गए थे, जिनमें से विवेचक सहित 47 गवाहों के बयान अदालत में दर्ज किए गए।
मुख्य आरोपी पुलकित आर्य पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य छुपाना), 354 (ए) (छेड़खानी व लज्जा भंग) और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत आरोप तय हुए हैं।
अन्य दो आरोपी, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता पर भी IPC की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य छुपाना) और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत आरोपों पर विचारण किया गया है। लगभग दो साल तक चले इस ट्रायल के बाद, अब न्याय की घड़ी नजदीक है।