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उत्तराखंड बनेगा देश का पहला राज्य, जहां अनाथों को मिलेगा परिवार: आलंबन गांव योजना की शुरुआत

उत्तराखंड सरकार ने एक सराहनीय और मानवीय पहल करते हुए अनाथ बच्चों और बेसहारा महिलाओं को पारिवारिक माहौल देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है. महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा तैयार की गई ‘आलंबन गांव योजना’ को शासन से मंजूरी मिल चुकी है. इस योजना को लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है.

एक छत के नीचे मिलेगा सहारा और स्नेह

आलंबन गांव योजना का उद्देश्य अनाथ और निआश्रित बच्चों, किशोरियों और महिलाओं को एक ऐसा सामुदायिक और पारिवारिक माहौल प्रदान करना है,   जिससे वे अपने को अकेला या उपेक्षित महसूस न करें. इस गांव में उन्हें सिर्फ आश्रय नहीं मिलेगा, बल्कि जीवन को नए सिरे से जीने की प्रेरणा और अवसर भी दिए जाएंगे.

योजना की संरचना:

हर घर में 16 लोगयोजना के तहत प्रत्येक घर में 8 बालक, 4 किशोरियां (जो बड़ी बहनों की भूमिका निभाएंगी) और देखभाल के लिए 4 महिलाएं रखी जाएंगी. यानी एक घर में कुल 16 लोगों के रहने की व्यवस्था होगी. हर घर में चार कमरे बनाए जाएंगे ताकि सभी को पर्याप्त स्थान और सुविधा मिल सके.

आत्मनिर्भरता की ओर कदम

इस योजना का मकसद सिर्फ रहने की सुविधा देना नहीं है, बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में भी इन लोगों को प्रेरित करना है. गांव में रहने वाली किशोरियों और महिलाओं के लिए व्यावसायिक गतिविधियां संचालित की जाएंगी. इनके द्वारा बनाए गए उत्पादों की बिक्री के लिए आउटलेट सेंटर भी स्थापित किए जाएंगे.

स्वरोजगार और कौशल विकास

यहां रहने वालों को खेती, बागवानी, डेयरी, मछली पालन और मुर्गी पालन जैसी गतिविधियों का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इससे वे स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बन सकेंगे. यह प्रशिक्षण किशोरियों और महिलाओं को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने में सहायक होगा.

किशोर न्याय अधिनियम के अनुरूप

महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के सचिव चंद्रेश यादव के अनुसार, किशोर न्याय अधिनियम की भावना के अनुरूप बच्चों को संस्थागत व्यवस्था में रखना अंतिम विकल्प होना चाहिए. इसके पहले उन्हें एक स्वस्थ और सामुदायिक वातावरण देना ज़रूरी है और यह योजना इसी उद्देश्य की पूर्ति करती है.

विकासनगर में बनेगा पहला आलंबन गांव

विकासनगर क्षेत्र में लगभगग 5 से 6 एकड़ भूमि पर यह पहला आलंबन गांव बसाया जाएगा. शुरुआत में 5 घरों का निर्माण किया जाएगा, जिसके जरिए लगभग 350 लोगों को इस योजना का लाभ मिलेगा. योजना के अंतर्गत अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए भी आवासीय सुविधा होगी. इसके अलावा, ई-रिक्शा और सोलर पैनल जैसी आधुनिक व्यवस्थाएं भी गांव में की जाएंगी.