उत्तराखंड को झकझोर देने वाले बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में आज न्याय का सूर्य उदय हुआ। कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने लगभग दो साल आठ महीने तक चली लंबी सुनवाई के बाद अपना ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने इस जघन्य अपराध के तीनों मुख्य आरोपियों – पुलकित आर्य (वनंत्रा रिजॉर्ट का मालिक), उसके कर्मचारी सौरभ भास्कर, और अंकित गुप्ता को हत्या के मामले में दोषी करार दिया है।
यह फैसला आते ही पूरे उत्तराखंड और देश में एक लहर सी दौड़ गई। कोर्ट ने इन तीनों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य छुपाना), और 354 (छेड़छाड़) के तहत दोष सिद्ध किया है। हालांकि, अंतिम सज़ा का एलान कुछ ही देर में होने की संभावना है, लेकिन इस फैसले ने पीड़ित परिवार और अंकिता के लिए न्याय की मांग कर रहे लाखों लोगों को राहत की सांस दी है।
फैसले से पहले सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम और जनता का आक्रोश
अदालत का फैसला आने से ठीक पहले, कोटद्वार में पुलिस प्रशासन द्वारा की गई बैरिकेडिंग को तोड़कर भीड़ ने न्यायालय की ओर बढ़ने की कोशिश की। पुलिस को लोगों को अंदर जाने से रोकने के लिए पूरी ताकत लगानी पड़ी। यह घटना दिखाती है कि इस मामले में जनता का आक्रोश और न्याय की उम्मीद कितनी प्रबल थी।
पूरे उत्तराखंड और देश की निगाहें इस फैसले पर टिकी थीं। कोटद्वार में पुलिस प्रशासन की ओर से व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए गए थे। गढ़वाल मंडल के विभिन्न जनपदों से भारी संख्या में पुलिस फोर्स कोटद्वार बुलाई गई थी। अदालत परिसर के बाहर की सड़कों पर बैरिकेडिंग लगाई गई थी, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके। कोतवाल रमेश तनवार ने बताया कि अदालत परिसर में पुख्ता सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। पौड़ी जिले के साथ ही देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, उत्तरकाशी जनपदों से बड़ी संख्या में पुलिस बल, अधिकारी और डेढ़ कंपनी पीएसी के जवान तैनात किए गए थे। अदालत परिसर में किसी भी बाहरी व्यक्ति को जाने की अनुमति नहीं दी गई थी। पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा प्रबंधों को लेकर कई दौर की बैठकें और मॉक ड्रिल भी की थी। शुक्रवार सुबह से ही अदालत परिसर छावनी में तब्दील हो गया था, जहाँ वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी खुद सुरक्षा व्यवस्था पर कड़ी निगरानी रखे हुए थे।
लंबी न्यायिक प्रक्रिया का अंत
अंकिता भंडारी हत्याकांड की सुनवाई लगभग दो साल और आठ महीने तक चली। कोटद्वार स्थित एडीजे कोर्ट में 30 जनवरी, 2023 को मामले की पहली सुनवाई शुरू हुई थी। इससे पहले, एसआईटी जांच के बाद अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में 500 पेज का आरोपपत्र दाखिल किया गया था। तीनों हत्यारोपियों पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता पर आरोप तय होने के बाद 28 मार्च, 2023 से अभियोजन पक्ष की गवाही शुरू हुई। इस दौरान, विवेचक सहित 47 गवाहों को अदालत में परीक्षित कराया गया। हालांकि, एसआईटी ने इस मामले में कुल 97 गवाह बनाए थे, लेकिन उनमें से 47 अहम गवाहों को ही अदालत में पेश किया गया, जिनके बयानों ने दोषियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया।
कब क्या हुआ: घटनाक्रम पर एक नज़र
• 18 सितंबर 2022: वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की हत्या कर उसका शव चीला शक्ति नहर में फेंक दिया गया।
• 20 सितंबर 2022: रिजॉर्ट के मालिक पुलकित ने राजस्व क्षेत्र पट्टी उदयपुर पल्ला में अंकिता के गुम होने की शिकायत दर्ज कराई, जो कि एक दिखावा था।
• 22 सितंबर 2022: जनता के भारी प्रदर्शन के बाद, जिलाधिकारी के आदेश पर यह मामला नियमित पुलिस लक्ष्मणझूला थाने को सौंपा गया।
• 22 सितंबर 2022: लक्ष्मणझूला पुलिस की जांच और पुलकित, अंकित व सौरभ से पूछताछ में पता चला कि उन्होंने 18 सितंबर को ही अंकिता की हत्या कर दी थी। हत्या का मुख्य कारण यह सामने आया कि तीनों उस पर अनैतिक कार्यों को करने का दबाव डाल रहे थे। राज़ बाहर न आए, इसलिए उसे चीला नहर में धक्का दे दिया गया। पुलिस ने मुकदमे से अपहरण की धारा हटाकर हत्या, साक्ष्य छुपाने और आपराधिक षडयंत्र की धाराएं जोड़ीं।
• 23 सितंबर 2022: न्यायालय के आदेश पर तीनों आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। इस दौरान भी लोगों ने उग्र प्रदर्शन जारी रखा।
• 24 सितंबर 2022: अंकिता भंडारी का शव घटनास्थल से 13 किलोमीटर दूर चीला नहर बैराज इंटेक से बरामद किया गया, जिसने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया।
• 24 सितंबर 2022: अंकिता का एम्स ऋषिकेश के विशेषज्ञों की टीम ने पोस्टमार्टम किया।
• 24 सितंबर 2022: एडीजी अपराध एवं कानून व्यवस्था के निर्देश पर मुकदमे की विवेचना के लिए डीआईजी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया, जिसने मामले की गहन जांच की।
• 26 सितंबर 2022: तीनों आरोपियों को पुलिस कस्टडी रिमांड में लेकर क्राइम सीन दोहराया गया, जिससे पुलिस को और सबूत जुटाने में मदद मिली।
• विवेचना के दौरान: आरोपियों के खिलाफ अनैतिक देह व्यापार अधिनियम की धाराएं भी मुकदमे में जोड़ी गईं, जिससे उनके अपराध की गंभीरता और बढ़ गई।
• 16 दिसंबर 2022: पुलकित, अंकित और सौरभ के खिलाफ हत्या, साक्ष्य छुपाने, छेड़खानी और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की गई।
• 30 मई 2025: लगभग दो साल आठ महीने बाद, कोटद्वार एडीजे कोर्ट ने इस बहुचर्चित मामले में फैसला सुनाया और तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया।
न्याय की एक लंबी लड़ाई का परिणाम
अंकिता भंडारी हत्याकांड ने देशभर में महिला सुरक्षा और न्याय व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए थे। इस मामले ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भले ही न्याय की प्रक्रिया धीमी हो, लेकिन वह अपराधियों को उनके अंजाम तक ज़रूर पहुंचाती है। इस फैसले से उन सभी लोगों को शांति मिलेगी, जिन्होंने अंकिता के लिए न्याय की लड़ाई लड़ी। उम्मीद है कि अंतिम सज़ा का एलान जल्द होगा और दोषियों को उनके जघन्य अपराध के लिए कठोरतम दंड मिलेगा।