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हरिद्वार में बड़ा विवाद: BJP विधायक के कार्यक्रम में बच्चों को बांटे गए एक्सपायरी डेट के चिप्स!

हरिद्वार। ‘नशामुक्त भारत’ के नेक मकसद से आयोजित एक कार्यक्रम में आज एक ऐसी घटना हुई जिसने प्रशासन की लापरवाही की पोल खोलकर रख दी। शहर के ऋषिकुल ऑडिटोरियम में आयोजित एक शपथ ग्रहण समारोह में बच्चों को नाश्ते में एक्सपायरी डेट के चिप्स के पैकेट बांटे गए। यह कार्यक्रम स्थानीय BJP विधायक मदन कौशिक और मेयर अनीता शर्मा की मौजूदगी में आयोजित किया गया था।

बताया जा रहा है कि इस कार्यक्रम में आसपास के पांच स्कूलों के लगभग 250 बच्चों को आमंत्रित किया गया था। सुबह 11 बजे दीप प्रज्वलन के बाद बच्चों को नाश्ते के पैकेट वितरित किए गए। जब बच्चों ने इन पैकेट्स को खोला तो उन्होंने पाया कि उनमें रखे चिप्स के पैकेट की एक्सपायरी डेट निकल चुकी है। पैकेट पर मैन्युफैक्चरिंग डेट 3 जुलाई 2025 और एक्सपायरी डेट 30 अक्टूबर 2025 छपी हुई थी, जो साफ दर्शाता है कि उत्पाद की अवधि समाप्त हो चुकी है।

वीडियो हुआ वायरल, प्रशासन में मचा कोहराम

इस पूरे प्रकरण का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होना शुरू हो गया। वीडियो में देखा जा सकता है कि बच्चे पैकेट्स की जांच कर रहे हैं और एक्सपायरी डेट देख रहे हैं। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई बच्चे इन एक्सपायरी चिप्स को खा भी चुके थे। जैसे ही बच्चों ने इसकी शिकायत अपने शिक्षकों से की, शिक्षकों ने तुरंत कार्यक्रम के आयोजकों को इस बारे में अवगत कराया।

वीडियो के वायरल होने और शिकायतों के बाद प्रशासन हरकत में आया। आनन-फानन में बची हुई सभी एक्सपायरी चिप्स के पैकेट वापस लेकर उन्हें नए पैकेट्स से बदल दिया गया। हालांकि, तब तक नुकसान हो चुका था और यह घटना प्रशासनिक लापरवाही का जीता-जागता उदाहरण बन चुकी थी।

अधिकारी बोले- ‘जांच करवा रहे हैं, लापरवाही पाई गई तो होगी कार्रवाई’

जब इस मामले पर हरिद्वार के मुख्य विकास अधिकारी (CDO) ललित नारायण मिश्र से बातचीत की गई, तो उन्होंने बताया कि उनके संज्ञान में यह मामला अभी-अभी आया है। सीडीओ मिश्र ने कहा, “हम पूरे प्रकरण की जांच करवा रहे हैं। यदि जांच में किसी की लापरवाही सामने आती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

यह घटना इसलिए भी गंभीर मानी जा रही है क्योंकि यह एक ऐसे कार्यक्रम में हुई जिसका उद्देश्य ‘नशामुक्त भारत’ जैसे महत्वपूर्ण अभियान को बढ़ावा देना था। एक तरफ जहां बच्चों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा था, वहीं दूसरी तरफ उन्हें एक्सपायर्ड खाद्य पदार्थ बांटकर उनकी सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा था।

सवाल उठते हैं, जवाब मांगे जाते हैं

इस पूरे मामले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर सामान खरीदते वक्त एक्सपायरी डेट क्यों नहीं चेक की गई? क्या आयोजकों द्वारा बच्चों के लिए खाने-पीने का सामान मंगाते वक्त कोई गुणवत्ता जांच नहीं की जाती? क्या सिर्फ सरकारी खजाने का पैसा खर्च करना ही काफी है, या फिर जिम्मेदारी भी कोई चीज होती है?

जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की मौजूदगी में हुई यह घटना आम जनता के मन में प्रशासन की कार्यशैली को लेकर सवालिया निशान लगा देती है। अब देखना यह है कि प्रशासन की जांच इस मामले में किसे दोषी पाती है और कितनी ‘सख्त कार्रवाई’ होती है। फिलहाल, हरिद्वार के उन बच्चों के माता-पिता की चिंता बढ़ गई है, जिन्होंने एक्सपायर्ड चिप्स खा लिए थे। उनके स्वास्थ्य की निगरानी अब सबसे बड़ा सवाल है।