देहरादून। उत्तराखंड सरकार राज्य की होमस्टे योजना को एक नई दिशा देने के लिए व्यापक बदलाव करने जा रही है। पर्यटन विभाग नई होमस्टे पालिसी का मसौदा तैयार कर रहा है, जिसमें स्थानीय लोगों की आर्थिक मजबूती को केंद्र में रखते हुए होमस्टे संचालन को और सुगम एवं व्यावहारिक बनाने पर जोर दिया गया है।
नई नीति में होमस्टे को महज पर्यटन तक सीमित नहीं रखा जाएगा, बल्कि इसे अन्य स्थानीय सेक्टरों की योजनाओं से जोड़कर एक विस्तृत आर्थिक गतिविधि का रूप दिया जाएगा। पर्यटन सचिव धीराज सिंह गर्ब्याल के अनुसार, उद्देश्य यह है कि होमस्टे योजना से स्थानीय लोग अधिक से अधिक लाभ उठा सकें और उनकी आमदनी में स्थायी बढ़ोतरी हो।
नई नीति में क्या होगा खास
नए मसौदे के अनुसार, होमस्टे संचालकों को पंजीकरण और संचालन से जुड़े कई प्रावधानों में सुविधा मिलेगी। सरकार का लक्ष्य है कि ग्रामीण और पर्वतीय क्षेत्रों में होमस्टे को एक विश्वसनीय और मजबूत आय-स्रोत के रूप में स्थापित किया जाए। इसके लिए कुछ महत्वपूर्ण बदलावों पर काम किया जा रहा है—
- पंजीकरण प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया जाएगा।
- होमस्टे को अन्य सरकारी योजनाओं, विशेषकर ग्रामीण उद्यमिता, खेती-बाड़ी आधारित रोजगार, और हस्तशिल्प गतिविधियों के साथ जोड़ा जाएगा।
- पांच साल से अधिक पुराने होमस्टे को संचालन के लिए कुछ शर्तों में छूट दी जा सकती है, ताकि निवेशकों और स्थानीय परिवारों पर आर्थिक बोझ न बढ़े।
- होमस्टे के रखरखाव और गुणवत्ता सुधार के लिए विशेष दिशानिर्देश तैयार किए जाएंगे।
पर्यटन विभाग का मानना है कि इन बदलावों से होमस्टे चलाने वाले परिवारों को अधिक लाभ मिलेगा और राज्य में आने वाले पर्यटकों को भी बेहतर अनुभव प्राप्त होगा।
स्थानीय लोगों के लिए नए अवसर
राज्य सरकार का उद्देश्य स्पष्ट है—होमस्टे योजना को स्थानीय लोगों की आय का प्रमुख स्रोत बनाया जाए। इसके लिए योजनाओं को इस तरह डिजाइन किया जा रहा है कि पर्यटन के साथ-साथ कृषि, स्थानीय उत्पाद, फूड प्रोसेसिंग, हैंडीक्राफ्ट और अन्य ग्रामीण व्यवसायों को भी बढ़ावा मिले।
सचिव पर्यटन ने बताया कि नई पालिसी का डिजाइन इस दिशा में भी किया जा रहा है कि गांवों से पलायन को नियंत्रित किया जा सके। यदि स्थानीय लोगों को अपने घरों और गांवों में ही स्थायी आय उपलब्ध हो, तो लोग अपने क्षेत्रों से जुड़ाव बनाए रखेंगे।
क्यों जरूरी है नई नीति
पिछले कुछ वर्षों में होमस्टे योजना ने उत्तराखंड में तेजी से रफ्तार पकड़ी है, लेकिन कई तकनीकी और प्रशासनिक चुनौतियों के कारण कई संचालक इसका पूरा लाभ नहीं उठा पा रहे थे। मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए सरकार ने महसूस किया कि नीति को समय के अनुसार अपडेट करना जरूरी है।
नई नीति से उम्मीद है कि—
- राज्य में पर्यटन निवेश बढ़ेगा,
- नए उद्यमियों को प्रोत्साहन मिलेगा,
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी,
- और स्थानीय संस्कृति एवं जीवनशैली को पर्यटन के माध्यम से नई पहचान मिलेगी।
पर्यटन विभाग जल्द ही मसौदा अंतिम रूप देकर इसे सरकार के समक्ष प्रस्तुत करेगा। मंजूरी के बाद राज्यभर में नई होमस्टे पालिसी लागू की जाएगी, जिससे हजारों परिवारों को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से रोजगार मिलने की संभावना है।


