देहरादून: उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अगले विधानसभा चुनाव 2027 की तैयारियों के लिए अपना ‘मिशन मोड’ एक्टिवेट कर दिया है। लगातार दूसरी बार सत्ता में बने रहने के बाद, पार्टी का अब लक्ष्य 2027 में ‘हैट्रिक’ का है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पार्टी ने एक व्यवस्थित और वैज्ञानिक तरीका अपनाया है, जिसके तहत प्रत्याशियों के चयन के लिए तीन-चरणीय सर्वेक्षण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस सर्वे के नतीजे कई मौजूदा विधायकों के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकते हैं।
तीन चरणों में होगा सर्वे, जनता की राय होगी निर्णायक
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, यह सर्वे प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कराया जा रहा है। पहला चरण फिलहाल जारी है। इस सर्वे में स्थानीय जनता से सीधे तौर पर फीडबैक लिया जा रहा है। मुख्य रूप से जनता से यह पूछा जा रहा है कि:
- मौजूदा विधायक कितने सक्रिय हैं?
- उनके काम से जनता कितनी संतुष्ट है?
- क्या वे फिर से चुनाव जीतने की स्थिति में हैं?
- जनता किसे अपना प्रतिनिधि देखना चाहती है?
इस सर्वे के दूसरे और तीसरे चरण बाद में आयोजित किए जाएंगे। इन तीनों चरणों के समग्र परिणामों के आधार पर ही पार्टी 2027 के चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम तय करेगी। एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने स्पष्ट किया कि भाजपा में टिकट का वितरण किसी की पद या प्रभाव के आधार पर नहीं, बल्कि “कार्य और जनभावना” के आधार पर होता है।
‘नो रिपीट’ थ्योरी पर विचार, कई विधायकों पर मंडराया संकट
पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, BJP इस बार ‘नो रिपीट थ्योरी’ पर गंभीरता से विचार कर रही है। इसका सीधा सा मतलब है कि कुछ सीटों पर मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया जाएगा और उनकी जगह नए चेहरों को मौका दिया जाएगा। ऐसा उन सीटों पर किया जा सकता है जहाँ जनता का फीडबैक नकारात्मक आया है या फिर विधायक का प्रदर्शन कमजोर रहा है।
इसके अलावा, कुछ वरिष्ठ नेता खुद अपनी वर्तमान सीट बदलने की इच्छा जता चुके हैं। माना जा रहा है कि ऐसे नेता अपने लिए अधिक सुरक्षित और जीत हासिल करने वाले ठिकानों की तलाश में हैं।
सीएम धामी और पार्टी प्रमुख की सक्रिय भूमिका
मिशन 2027 की सफलता के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट स्वयं मैदान में हैं। सीएम धामी ने हाल ही में चंपावत, टनकपुर और खटीमा का सड़क मार्ग से दौरा करके जनसंपर्क को और मजबूत किया है।
इसके साथ ही, एक बड़ी पहल करते हुए सीएम धामी अब ‘ग्राम रात्रि विश्राम’ की नई परंपरा शुरू करने जा रहे हैं। इसके तहत, वे सीधे गांवों में रुककर स्थानीय लोगों से रूबरू होंगे और उनकी समस्याओं को सुनेंगे। इसका उद्देश्य जमीनी स्तर पर सरकार की पहुंच को और प्रभावी बनाना है।
वहीं, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। पार्टी ने अगले साल को चुनावी वर्ष के रूप में चिन्हित किया है और सभी नेताओं को अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय रहने के निर्देश दिए गए हैं।
फरवरी-मार्च 2027 में प्रस्तावित इन चुनावों के लिए BJP की यह शुरुआती और जमीनी तैयारी साफ संकेत दे रही है कि पार्टी इस बार भी किसी भी तरह की कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती और उत्तराखंड में एक और इतिहास रचने के लिए दृढ़संकल्पित है।


