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बागेश्वर जिला अस्पताल और बैजनाथ सीएचसी में सर्जन की कमी से मरीज परेशान

बागेश्वर जिले के स्वास्थ्य सेवाओं पर गहरा संकट मंडरा रहा है। जिला अस्पताल के एकमात्र सर्जन डॉ. राजीव उपाध्याय के अवकाश पर जाने के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) बैजनाथ में तैनात सर्जन डॉ. विदित पांडेय को जिला अस्पताल में सेवा देने के लिए भेज दिया गया है। इस अजीबोगरीब प्रशासनिक आदेश ने बैजनाथ क्षेत्र के लगभग 50 हजार की आबादी को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जूझने पर मजबूर कर दिया है। बैजनाथ का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जो क्षेत्र की स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाया गया था, अब मात्र एक शोपीस बनकर रह गया है।

जिला अस्पताल में भी लंबा इंतजार

जिला अस्पताल की स्थिति भी कोई बेहतर नहीं है। डॉ. विदित पांडेय के वहां स्थानांतरण के बाद, जिला अस्पताल में अब केवल एक सर्जन उपलब्ध है। सोमवार को मरीजों की भारी भीड़ के कारण कई लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ा। ओपीडी में लंबी कतारें देखी गईं, और मरीजों को सर्जन की सलाह के लिए लंबे समय तक प्रतीक्षा करनी पड़ी। एक मरीज, शांति देवी, ने बताया, “मैं सुबह 8 बजे से लाइन में खड़ी थी, लेकिन दोपहर 2 बजे तक मेरा नंबर नहीं आया। इतने इंतजार के बाद भी डॉक्टर ने जल्दी-जल्दी देखा, क्योंकि मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा थी।”

प्रशासनिक लापरवाही या मजबूरी?

जिला अस्पताल के सर्जन डॉ. राजीव उपाध्याय के अवकाश पर जाने के बाद प्रशासन ने तत्काल कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की। इसके बजाय, बैजनाथ सीएचसी के सर्जन को जिला अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जिससे दोनों अस्पतालों की सेवाएं प्रभावित हुई हैं। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “यह एक अस्थायी व्यवस्था है, लेकिन सर्जन की कमी के कारण हमारे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था। हम जल्द ही इस समस्या का समाधान करने की कोशिश कर रहे हैं।”

हालांकि, स्थानीय लोग इस व्यवस्था को प्रशासन की लापरवाही मान रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता दीपक जोशी ने कहा, “स्वास्थ्य सेवाएं जनता का मूलभूत अधिकार हैं। एक सर्जन के अवकाश पर जाने से पूरी व्यवस्था चरमरा गई है। यह दर्शाता है कि हमारे स्वास्थ्य विभाग में कितनी गंभीर खामियां हैं।