Homeउत्तराखण्डगैरसैंण में योग दिवस पर 10 देशों के राजदूत होंगे शामिल

गैरसैंण में योग दिवस पर 10 देशों के राजदूत होंगे शामिल

21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर गैरसैंण स्थित विधानसभा भवन, भराड़ीसैंण में राज्य स्तरीय योग कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. इस आयोजन की खास बात यह होगी कि दस देशों के राजदूत इस योगाभ्यास कार्यक्रम में सहभागिता करेंगे. इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को लेकर शासन और प्रशासन पूरी तरह तैयारियों में जुट गया है.

हाल ही में अपर सचिव  की अध्यक्षता में चमोली जिले के सभी विभागीय अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई. बैठक में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के सफल आयोजन को लेकर जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए.

आमजन और राजनयिकों की साझा सहभागिता

इस वर्ष योग दिवस केवल सरकारी औपचारिकता नहीं रहेगा, बल्कि यह आम जनता और अंतरराष्ट्रीय मेहमानों की संयुक्त सहभागिता का मंच बनेगा. भराड़ीसैंण में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ विभिन्न देशों के राजदूत भी योगाभ्यास करेंगे, जिससे कार्यक्रम को वैश्विक पहचान मिलेगी.

बारिश की आशंका, लेकिन तैयारियां पुख्ता

बारिश की आशंका को देखते हुए आयोजन स्थल पर जर्मन हेंगर, साउंड सिस्टम और लाइटिंग की समुचित व्यवस्था की जा रही है. कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु 19 जून तक सभी व्यवस्थाएं पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं.

योग प्रशिक्षकों की नियुक्ति और प्रचार-प्रसार

योग दिवस को प्रभावी बनाने के लिए योग प्रशिक्षकों की नियुक्ति, आवश्यक योग सामग्री की उपलब्धता और व्यापक प्रचार-प्रसार की कार्ययोजना तैयार की जा रही है. सभी सरकारी कार्यालयों और स्वास्थ्य केंद्रों को भी सक्रिय रूप से इस कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा.

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तनावपूर्ण जीवन में योग की बढती महत्ता

वर्तमान समय में तेज रफ्तार जीवन, कार्यस्थल का दबाव, भावनात्मक असंतुलन और नकारात्मक सोच के चलते हर व्यक्ति किसी न किसी रूप में तनाव से जूझ रहा है. ऐसे समय में योग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि यह मानसिक शांति और आत्मिक संतुलन भी प्रदान करता है.

योग अभ्यास से रक्तचाप नियंत्रित रहता है, नींद में सुधार होता है, एकाग्रता बढ़ती है और मन स्थिर रहता है. यही वजह है कि अब दुनिया भर में योग को सिर्फ एक कसरत नहीं, बल्कि जीवनशैली का हिस्सा माना जा रहा है.

गैरसैंण में होने वाला यह योग दिवस आयोजन न केवल उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक  सुंदरता को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करेगा, बल्कि यह संदेश भी देगा कि योग केवल भारत का नहीं, बल्कि पूरे विश्व की जरुरत  है.

21 जून को जब भराड़ीसैंण में सूरज की पहली किरण के साथ योग  की ध्वनि गूंजेगी, तो न केवल देह बल्कि मन भी योग से आलोकित होगा.