नैनीताल जिले के – बेतालघाट ब्लॉक के धनियाकोट चौक बाजार निवासी व्यापारी जगमोहन सिंह 45 वर्ष की रविवार शाम अचानक तबीयत बिगड़ गई. समय पर इलाज न मिलने, एंबुलेंस के खराब होने और जगह-जगह जाम में फंसने के कारण उनकी जान चली गई.
परिजनों के अनुसार, शाम को अचानक तबीयत खराब होने पर उन्होंने तुरंत सीएचसी सुयालबाड़ी से 108 एंबुलेंस को बुलाया, लेकिन एंबुलेंस रास्ते में लोहाली के पास खराब हो गई. परिजन करीब डेढ़ घंटे तक दूसरी एंबुलेंस का इंतजार करते रहे. इस दौरान जगमोहन की हालत और भी नाजुक हो गई.
बाद में परिजन उन्हें निजी वाहन से सीएचसी गरमपानी लेकर पहुंचे, जहां प्रभारी चिकित्सक डॉ. सतीश पंत ने प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें हल्द्वानी के लिए रेफर कर दिया और सरकारी एंबुलेंस की व्यवस्था करवाई.
एंबुलेंस जब गरमपानी से हल्द्वानी की ओर रवाना हुई तो रास्ते में कैंचीधाम, भवाली और रानीबाग से लेकर हल्द्वानी तक कई स्थानों पर भारी जाम मिला. इस कारण एंबुलेंस को लंबे समय तक रुकना पड़ा और मरीज को समय पर इलाज नहीं मिल पाया. रात करीब साढ़े नौ बजे जब एंबुलेंस हल्द्वानी के निजी अस्पताल पहुंची, तो डॉक्टरों ने जगमोहन सिंह को मृत घोषित कर दिया.
अस्पताल के चिकित्सक ने बताया कि मरीज को मृत अवस्था में अस्पताल लाया गया था.
जगमोहन सिंह धनियाकोट चौक बाजार में एक छोटी सी दुकान चलाकर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे थे. उनके पीछे पत्नी और दो छोटे बेटे हैं, जिनका रो-रोकर बुरा हाल है. इस दर्दनाक घटना ने न केवल परिवार को गहरे सदमे में डुबो दिया है, बल्कि प्रदेश की आपातकालीन सेवाओं और ट्रैफिक प्रबंधन की पोल भी खोलकर रख दी है.
मरीज के परिजनों ने बताया कि अगर समय पर एंबुलेंस मिल जाती और रास्ते में जाम न होता, तो शायद जगमोहन की जान बचाई जा सकती थी.
गौरतलब है कि इसी तरह की एक और घटना हाल ही में मसूरी में भी सामने आई थी, जहां एक दिल्ली के पर्यटक की इलाज में देरी से मौत हो गई थी.
इससे एक बार फिर आपातकालीन चिकित्सा व्यवस्था सवालों के घेरे में आ गई है . साथ ही कैंची और क्वारब के जाम में भी आये दिन सैंकड़ों लोग फस रहे हैं . जिससे लोगों के हर रोज 3 से लेकर 6 घंटे तक जाम में ही चले जा रहे हैं . जाम से बच्चे , बूढ़े , सभी यात्रियों को आये दिन परेशानी झेलनी पड़ रही है . ट्रेफिक व्यवस्था में कब सुधार आयेगा यह प्रश्न बना ही हुआ है .