उत्तराखंड की पावन चारधाम यात्रा पूरे जोरों पर है और प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु भगवान बदरीविशाल के दर्शन के लिए बदरीनाथ धाम पहुंच रहे हैं. बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या और भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने बदरीनाथ धाम के सौंदर्यकरण और पुनर्निर्माण कार्यों को गति दी है. इसी क्रम में बुधवार को हुई उत्तराखंड मंत्रिमंडल की बैठक में बदरीनाथ मास्टर प्लान क्षेत्र के अंतर्गत चार प्रमुख कलाकृति निर्माण योजनाओं को मंजूरी दी गई. इन योजनाओं को राज्य सरकार की ओर से कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) फंड से पूरा किया जाएगा. यदि आवश्यकतानुसार सीएसआर फंड उपलब्ध नहीं होता है तो राज्य या केंद्र सरकार के बजट से इन कार्यों को पूरा किया जाएगा.
मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव शैलेश बगौली ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा-निर्देशों के तहत बदरीनाथ धाम मास्टर प्लान का क्रियान्वयन हो रहा है. इस परियोजना का उद्देश्य तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना और धार्मिक पर्यटन को नया आयाम देना है. बदरीनाथ में चार कलात्मक प्रोजेक्ट्स को मिली मंजूरी.
सुदर्शन चक्र स्कल्प्चर (अराइवल प्लाजा): बदरीनाथ धाम के प्रवेश द्वार (अराइवल प्लाजा) पर अत्यंत विशिष्ट प्रकार की सुदर्शन चक्र की कलाकृति बनाई जाएगी. यह न केवल धार्मिक महत्व की प्रतीक होगी बल्कि श्रद्धालुओं के लिए एक दर्शनीय स्थल भी बनेगी.
शेषनेत्र लोटस वॉल (लेक फ्रंट क्षेत्र): धाम के झील क्षेत्र के पास शेषनेत्र लोटस वॉल नामक दीवार कलाकृति का निर्माण किया जाएगा. यह निर्माण कार्य धार्मिक प्रतीकों और प्राकृतिक सौंदर्य को दर्शाने वाला होगा.
सुदर्शन चौक आर्टवर्क (टूरिज्म मैनेजमेंट सेंटर के पास): पर्यटन प्रबंधन केंद्र के समीप सुदर्शन चौक पर भी एक भव्य आर्टवर्क लगाया जाएगा जो आगंतुकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनेगा.
पेड़ और नदी की कलाकृति (बदरी-नारायण चौक): बदरीनाथ धाम के बदरी-नारायण चौक में वृक्षों और नदियों की सुंदर कलाकृतियों का निर्माण किया जाएगा जो प्रकृति और धार्मिकता का समावेश दिखाएगा. इन चारों योजनाओं का कुल अनुमानित बजट लगभग एक से डेढ़ करोड़ रुपये बताया जा रहा है. सरकार की प्राथमिकता है कि ये कार्य सीएसआर फंड के जरिए पूरे हों जिससे सरकारी बजट पर बोझ न बढ़े. बदरीनाथ धाम में यह सौंदर्यकरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक है. इससे धार्मिक पर्यटन को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलेगी और तीर्थस्थल पर भक्तों को आध्यात्मिक अनुभव के साथ-साथ आधुनिक सुविधाएं भी मिलेंगी.
अन्य कैबिनेट फैसले
बदरीनाथ धाम से जुड़े इन चार महत्वपूर्ण प्रस्तावों के अलावा उत्तराखंड कैबिनेट ने कुल 12 प्रस्तावों को मंजूरी दी जिनमें पर्यावरण संरक्षण और सरकारी प्रशासनिक सुधार से जुड़े कई निर्णय शामिल हैं:
सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों को टैक्स में छूट: राज्य में प्लग-इन हाइब्रिड और स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों को भी टैक्स छूट दी जाएगी. यह छूट केवल वित्तीय वर्ष 2025-26 में एक बार के लिए लागू
होगी.
मानवाधिकार आयोग में 12 नए पद: उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग में कार्यक्षमता बढ़ाने हेतु 12 नए पद स्वीकृत किए गए.
राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) कर्मचारियों को ग्रेच्युटी: केंद्र सरकार के निर्देशानुसार राज्य के एनपीएस कर्मचारियों को अब ग्रेच्युटी की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी.
एक समान भर्ती प्रक्रिया: सिपाही और उपनिरीक्षक पदों पर सीधी भर्ती के लिए नया नियमावली 2025 लागू की गई जिससे चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता और एकरूपता बनी रहेगी.
क्लीन मोबिलिटी फंड के लिए एसएनए खाता: उत्तराखंड क्लीन मोबिलिटी ट्रांजिशन पॉलिसी 2024 के तहत फंड को अब एकल नोडल एजेंसी खाते में रखा जाएगा जिससे वित्तीय पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके.