अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोर्ट ने तीनों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुना दी है, लेकिन एक सवाल आज भी लोगों के जहन में है कि इतनी गहन जांच, हजारों फोन नंबरों और सैकड़ों सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद भी वह ‘वीआईपी’ कौन था, जिसका नाम सामने नहीं आया है। ‘एक्स्ट्रा सर्विस’ का दबाव, अंकिता की आखिरी बातचीत और पुलिसिया जांच के बावजूद यह रहस्य अब भी बरकरार है।
‘वीआईपी’ का अनसुलझा रहस्य
वनंत्रा रिजॉर्ट के आसपास 40 हजार फोन नंबरों की लोकेशन और 800 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने के बावजूद ‘वीआईपी’ का राज आज भी नहीं खुल पाया है। यह उस ‘वीआईपी’ की बात है, जिसके आने की जानकारी अंकिता भंडारी ने घटना के दिन अपने मित्र पुष्पदीप को दी थी। अंकिता ने पुष्पदीप को बताया था कि रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य उस पर एक बड़े ‘वीआईपी’ को अतिरिक्त सेवा (एक्स्ट्रा सर्विस) देने के लिए दबाव डाल रहा था।
SIT जांच और ‘वीआईपी’ एंगल
23 सितंबर को अंकिता हत्याकांड के खुलासे के बाद इस संवेदनशील मामले की जांच के लिए एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन किया गया था, जिसका नेतृत्व डीआईजी पी रेणुका कर रही थीं। अंकिता भंडारी ने अपने जम्मू निवासी मित्र पुष्पदीप के साथ वनंत्रा रिजॉर्ट में होने वाले अनैतिक कार्यों और उस पर पड़ रहे दबाव के बारे में कई बातें साझा की थीं। उसने बताया था कि रिजॉर्ट में एक बड़ा वीआईपी आने वाला है और पुलकित आर्य उस पर वीआईपी को अतिरिक्त सेवा देने के लिए दबाव बना रहा है।
‘वीआईपी’ एंगल की जांच के लिए एसआईटी टीम ने वनंत्रा रिजॉर्ट के आसपास के 40 हजार फोन नंबरों की लोकेशन की गहनता से जांच की थी। इसके साथ ही, ऋषिकेश से हरिद्वार तक लगभग 800 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी बारीकी से खंगाली गई थी। एसआईटी टीम ने वनंत्रा रिजॉर्ट के पास मिले फोन नंबरों की लोकेशन को ट्रेस कर कई संदिग्ध लोगों से पूछताछ भी की। यहां तक कि वनंत्रा में आने वाले मेहमानों से भी पूछताछ की गई, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इतनी व्यापक जांच के बावजूद भी ‘वीआईपी’ के नाम का खुलासा नहीं हो पाया।
‘वीआईपी सूट’ और अस्पष्टता
वहीं, जांच पूरी होने के बाद डीआईजी पी रेणुका ने मीडिया को बताया था कि वनंत्रा रिजॉर्ट में ‘वीआईपी सूट’ था और यहां रुकने वाले प्रत्येक मेहमान को ‘वीआईपी’ कहा जाता था। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो सका कि अंकिता भंडारी को वास्तव में किस ‘वीआईपी’ को अतिरिक्त सेवा देने के लिए कहा जा रहा था, या क्या यह केवल एक सामान्य शब्द था जिसका उपयोग रिजॉर्ट के कर्मचारी करते थे। यह सवाल आज भी अनसुलझा है।
पुष्पदीप की अहम भूमिका
यह भी गौरतलब है कि मृतका अंकिता भंडारी के दोस्त पुष्पदीप ने ऑनलाइन सर्चिंग के माध्यम से उसके लिए वनंत्रा रिजॉर्ट में नौकरी ढूंढी थी। अंकिता से संपर्क न होने पर वह सीधा ऋषिकेश पहुंच गया था। पुष्पदीप ने ही पुलिस को बताया था कि अंकिता पर ‘वीआईपी’ को अतिरिक्त सेवा देने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। पुष्पदीप ही वह व्यक्ति था जिससे 18 सितंबर 2022 को घटना के दिन अंकिता भंडारी की आखिरी बार बात हुई थी।
पुष्पदीप ने पुलिस को बताया था कि अंकिता उस रात बहुत परेशान थी। उसने बताया कि वनंत्रा रिजॉर्ट में अनैतिक कार्य होते हैं और पुलकित आर्य व उसका पीए अंकित गुप्ता उर्फ पुलकित, उस पर रिजॉर्ट में आने वाले ग्राहकों को अतिरिक्त सेवा देने का दबाव बना रहे थे। पुष्पदीप अंकिता से लगातार बात कर रहा था, लेकिन रात साढ़े आठ बजे उसका फोन अचानक बंद हो गया। जब पुष्पदीप ने पुलकित आर्य को फोन किया तो उसने गुमराह करते हुए बताया कि अंकिता सो गई है। अगले दिन पुलकित आर्य का फोन भी बंद हो गया।
इसके बाद, पुष्पदीप ने पुलकित के पीए अंकित गुप्ता उर्फ पुलकित को फोन किया, जिसने बताया कि अंकिता जिम में व्यायाम कर रही है। आखिर में जब पुष्पदीप ने शेफ मनवीर को फोन किया तो उसने बताया कि अंकिता रात से रिजॉर्ट में नहीं है। उसके बाद पुष्पदीप का माथा ठनका और वह सीधा ऋषिकेश पहुंच गया। इस पूरे मामले के खुलासे में पुष्पदीप की ही सबसे अहम भूमिका रही।
अंकिता भंडारी हत्याकांड में न्याय तो मिला, लेकिन ‘वीआईपी’ का राज अभी भी अनसुलझा है, जो इस मामले को और भी रहस्यमय बनाता है। क्या यह रहस्य कभी खुलेगा?