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NCC टीम ने फतह किया माउंट एवरेस्ट : पर्वतारोहण और स्कीइंग में माहिर कर्नल रजनीश जोशी की सदस्यता में रचा इतिहास

भारत के लिए यह एक बेहद गर्व का क्षण है। नेशनल कैडेट कोर (NCC) की लड़कों और लड़कियों की एवरेस्ट अभियान टीम ने 18 मई 2025 को सफलतापूर्वक दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (8,848.86 मीटर) को फतह किया। इस ऐतिहासिक उपलब्धि में सभी 38 पर्वतारोही सदस्यों और शेरपा गाइडों की ताकत और समन्वय ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

NCC की एवरेस्ट फतह : साहस और दृढ़ संकल्प का प्रतीक

“NCC बॉयज़ एंड गर्ल्स माउंट एवरेस्ट एक्सपीडिशन 2025” शीर्षक वाले इस अभियान ने भारत के युवाओं में साहस और दृढ़ संकल्प की एक नई मिसाल पेश की है। इस टीम में पूरे भारत से चुने गए 10 कैडेट्स शामिल थे—पांच लड़के और पांच लड़कियां। इस अभियान को भारतीय सेना के कई कर्मियों का भी साथ मिला। इस गौरवशाली अभियान का नेतृत्व कर्नल अमित बिष्ट ने किया, जो स्वयं एक अनुभवी पर्वतारोही और भारतीय सेना के सेवारत अधिकारी हैं और जिन्होंने 2021 में भी माउंट एवरेस्ट फतह किया था। सेवन समिट ट्रेक्स के साथ मिलकर यह अभियान सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

शिखर पर पहुंचने वाले वीर सदस्य

इस ऐतिहासिक आरोहण में शामिल भारतीय चढ़ाई सदस्य थे- रजनीश जोशी, बलकार सिंह, अंकुर रावत, जोगमैथ नामग्याल, दीपक कुमार, दावा त्सेटेन भूटिया, रिगज़िन दोरजाई, कृतिका शर्मा, प्रतिमा राय, रिफिनेस वारजरी, मोनिका, अबिदा अफ़रीन, मोहित कंठिया, पद्मा नामगैल, मुकुल बंगवाल, वीरेंद्र सिंह सामंत और सचिन कुमार। इसके अतिरिक्त, जेनजेन लामा, सोनम छिरिंग लामा और पासंग ओंगडी शेरपा सहित कई कुशल शेरपा गाइडों ने भी टीम की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया। यह उपलब्धि NCC के लिए एक गौरवपूर्ण अध्याय है, जो देश के युवाओं में पर्वतारोहण और साहसिक गतिविधियों के प्रति नई प्रेरणा जगाएगी।

कर्नल रजनीश जोशी : एवरेस्ट विजेता से HMI के प्राचार्य तक का सफर

इसी बीच इस सफलता से जुड़े एक और गर्व का क्षण सामने आया है। उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ के छोटे से गांव बुंगाछीना के मूल निवासी कर्नल रजनीश जोशी ने अपनी 44 वर्ष की आयु में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्हें विश्वविख्यात ‘हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान (HMI), दार्जिलिंग’ के प्राचार्य का प्रतिष्ठित पदभार सौंपा गया। यह गौरव प्राप्त करने वाले वह उत्तराखंड के दूसरे सैन्य अधिकारी हैं।
कर्नल जोशी की शुरुआती शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर, देवलथल में हुई और आगे की पढ़ाई उन्होंने कारमन स्कूल देहरादून से की। एक सामान्य मध्यवर्गीय परिवार से आने वाले रजनीश जोशी को 2005 में सेना में कमीशन मिला और उन्होंने गढ़वाल राइफल्स के सैन्य अधिकारी के रूप में देश के विभिन्न सैन्य केंद्रों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं।

पर्वतारोहण में असाधारण योगदान और नए रिकॉर्ड

कर्नल रजनीश जोशी पर्वतारोहण और स्कीइंग दोनों में महारत रखते हैं। वह अब तक हिमालय की 30 से अधिक पर्वत चोटियों को विभिन्न दलों के साथ फतह कर चुके हैं। साहसिक खेलों में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें देश के प्रतिष्ठित मंचों पर सम्मानित किया जा चुका है और पर्वतारोहण में उनका नाम एशिया और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है।

उनके नेतृत्व में पर्वतारोहियों की एक टीम ने माउंट कुन (7103 मीटर) और माउंट नन (7135 मीटर) की चोटी पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की थी, जिसमें माउंट कुन पर सबसे तेज़ चढ़ाई का रिकॉर्ड (मात्र सात दिनों में) भी शामिल है। यह विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि कर्नल जोशी ने हाल ही में NCC के बच्चों के ग्रुप को लेकर माउंट एवरेस्ट फतह अभियान का भी नेतृत्व किया, जो 18 मई 2025 को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। उनकी यह नियुक्ति हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान के लिए एक नया और प्रेरणादायक अध्याय लिखेगी।