उत्तराखंड सरकार ने अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को बायोमीट्रिक हाजिरी से जुड़ी परेशानियों से बड़ी राहत दी है। अब कर्मचारी बायोमीट्रिक सिस्टम के अलावा अपने मोबाइल फोन के माध्यम से भी आधार-आधारित हाजिरी लगा सकेंगे। सचिवालय प्रशासन ने इस संबंध में मानक प्रचालन प्रक्रिया (SOP) जारी कर दी है, जिससे कर्मचारियों को तकनीकी दिक्कतों के कारण होने वाली असुविधा से मुक्ति मिलेगी।
बायोमीट्रिक की तकनीकी चुनौतियां और नए नियम की आवश्यकता
एक मई से मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन के आदेश पर प्रदेशभर के सरकारी कार्यालयों में बायोमीट्रिक हाजिरी का नियम सख्ती से लागू किया गया था। हालांकि, सचिवालय में आधार साइट, स्वान आईपी एड्रेस में बदलाव और आरडी जैसी तकनीकी दिक्कतों के चलते अधिकारी और कर्मचारी लगातार हाजिरी लगाने में असमर्थ थे। इस बीच, दफ्तर में देर से आने वालों पर कार्रवाई के आदेश भी जारी किए गए थे, जिससे कर्मचारियों में चिंता बढ़ गई थी। इस समस्या को देखते हुए, प्रशासन ने एक वैकल्पिक व्यवस्था की आवश्यकता महसूस की।
फेशियल रिकग्निशन से आसान होगी हाजिरी
इन तकनीकी बाधाओं को दूर करने के लिए, बायोमीट्रिक हाजिरी के विकल्प के तौर पर अब फेशियल रिकग्निशन (चेहरे की पहचान) की व्यवस्था लागू की गई है। इस नई प्रणाली के तहत, कर्मचारी अपने मोबाइल से ही अपनी हाजिरी आसानी से लगा सकेंगे। इसके लिए उन्हें अपने मोबाइल में गूगल प्ले स्टोर या एप्पल स्टोर से ‘आधार बेस’ और ‘आधार फेस आरडी’ ऐप डाउनलोड करना होगा।
एप डाउनलोड करने के बाद, कर्मचारियों को अपनी लॉगिन आईडी बनानी होगी। ‘आधार बेस’ में रजिस्ट्रेशन के लिए उन्हें पहले डोमेन में अपना राज्य ‘उत्तराखंड’ चुनना होगा और फिर अपना पासवर्ड डालना होगा। आईडी बनने के बाद, उन्हें नॉर्थ ब्लॉक ग्राउंड, सीएम बिल्डिंग, सीएस बिल्डिंग, एसबीआई बिल्डिंग जैसे एंट्री पॉइंट में से कोई एक चुनना होगा और अपनी तस्वीर अपलोड करनी होगी। यह प्रक्रिया पूरी होते ही उनकी हाजिरी दर्ज हो जाएगी। यह कदम सरकारी कामकाज में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा देने और कर्मचारियों के लिए सुविधा बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।